रुद्रप्रयाग सहित पहाड़ों में नहीं थम रहा शराब विरोधी आंदोलन

शराब के विरोध में महिलाओं ने केदारनाथ हाईवे पर चार घंटे तक लगाया जाम
काकड़ा में स्थित शराब की दुकान सीज होने के बाद महिलाओं ने खोला जाम
केदारनाथ के शीतकालीन गददीस्थल ऊखीमठमें एक महिने से जारी है शराब विरोध आंदोलन
रुद्रप्रयाग । धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रुद्रप्रयाग जिले में शराब का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा केदार के शीतकालीन गददीस्थल ऊखीमठ में अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने के विरोध में क्षेत्र की महिलाएं पिछले एक महीने से रात-दिन धरना दे रही हैं। बुधवार को आंदोलित महिलाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। महिलाओं ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुये केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंड में जाम लगा दिया।
केदारनाथ हाईवे पर चक्काजाम लगाये जाने से घंटों तक हजारों वाहन जाम में फंसे रहे। जिस कारण यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। बाद में तहसील प्रशासन द्वारा दुकान सीज किये जाने के बाद महिलाओं ने दुकान को खोला।
रुद्रप्रयाग में महिलाओं का शराब विरोधी आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है। जिले में नौ अंग्रेजी शराब की दुकानें हैं, लेकिन सभी दुकानों का विरोध लगातार जारी है। जहां भी शराब की दुकान खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं, वहां महिलाएं धमक रही हैं और दुकान में तोड़-फोड़ कर रही हैं। महिलाओं के आंदोलन के चलते सरकार के राजस्व को भी प्रत्येक दिन करोड़ों का नुकसान पहुंच रहा है। महिलाओं के इस शराब विरोधी आंदोलन को अब पुरूषों का समर्थन भी मिलने लगा है।
बुधवार को क्षेत्र की महिलाओं ने केदारनाथ नेशनल हाईवे कुंड में घंटों तक जाम लगा दिया। आंदोलित महिलाओं का कहना है कि गुजरात की तरह उत्तराखण्ड में भी शराब पर पूर्ण पाबंदी लगा दी जाय। शराब के बदले यहां के युवाओं को रोजगार दिया जाय। युवा शराब की लत में पड़कर बर्बाद हो रहे हैं। आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि जब तक शराब पर रोक नहीं लगाई जाती है, तब तक उनका शराब विरोधी आंदोलन जारी रहेगा।
आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि शराब के विरोध में पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन हो रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिल परा है। सहयोग देने की बजाय जबरन क्षेत्र में जगह-जगह शराब की दुकान खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। महिलाओं ने चेतावनी देते हुये कहा कि मातृशक्ति का अपमान बर्दाश्त नहीं किये जायेगा। जरूरत पड़ी तो महिलाएं शराब के विरोध में आत्महत्या करने के लिये बाध्य हो जाएंगी। बाद में जब तहसील प्रशासन ने काकड़ागाड़ में खुली शराब की दुकान को सीज किया, तब जाकर महिलाओं ने हाईवे पर लगाये जाम को खोला। इस मौके पर सतेश्वरी देवी, दुर्गा देवी, संगीता नेगी, गोदाम्बरी देवी, देवेश्वरी देवी, रामेश्वरी देवी, सीमा देवी, विजयलक्ष्मी देवी सहित हजारों महिलाएं मौजूद थे।