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अनिल बलूनी ने किया राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल

देहरादून : राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने राज्यसभा के लिए सोमवार को दो बजे नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। अनिल बलूनी ने चार सेटों में नामांकन दाखिल किया है। नामांकन के दौरान राज्य के सभी कैबिनेट मंत्री और  विधायक मौजूद रहे। राज्यसभा के चुनाव में इस बार भाजपा की राह में कोई अड़चन नहीं है। एक विधायक के निधन के बाद भाजपा  विधान सभा में अब 56 विधायक हैं। राज्य सभा चुनाव में भाजपा का संख्याबल देखते हुए 11 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी न कोई उम्मीदवार खड़ा न करते हुए पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है।

इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजयसभा प्रत्याशी अनिल बलूनी ने कहा कि दिल्ली में रहकर उत्तराखंड के लिए अनिल बलूनी जी जान से काम करेगा और सूबे के लोगों के दुख दर्दों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी टीम में उत्तराखंड का विशेष स्थान है और आने वाले भविष्य में उत्तराखंड के लिए बहुत काम किये  जाएंगे। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने अनिल बलूनी के उम्मीदवार बनने पर खुशी जताते हुए कहा कि उत्तराखंड से ही उम्मीदवार के चुने जाने से राज्य के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस बार राज्यसभा उमीदवारों में युवाओं पर अपना भरोसा दिखाया है।

हालाँकि भारतीय जनता पार्टी में उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट के लिए वैसे तो तमाम दावेदार लाइन में थे। लेकिन पार्टी के अनुशासन को देखते हुए सभी की नज़रें पार्टी के आलाकमान की तरफ थी, वहीँ राज्य सभा के लिए ना घोषित होने से पूर्व पार्टी में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ था कि कहीं पार्टी पुराने ढर्रे पर चलते हुए कहीं उत्तराखंड से पैराशूट प्रत्याशी  को तो नहीं उतारने जा रही है इसलिए यह लड़ाई स्थानीय कार्यकर्ता बनाम पैराशूट दावेदारों के बीच सिमट गयी थी जिसमें दोनों तरफ दमदार दावेदार मौजूद रहे। लेकिन पार्टी ने उत्तराखंड के अनिल बलूनी को प्रत्याशी बनाकर सबकी बोलती बंद कर दी।

पार्टी की तरफ से स्थानीय दावेदारों में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम प्रमुखता से उभरा था । तो पैराशूट दावेदारों में पहले केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, थावर चंद्र गहलोत, डॉ.जेपी नड्डा और कैलाश विजय बर्गीय जैसे दिग्गजों के नाम सामने आ रहे थे । हालाँकि नामों को घोषणा के बाद पार्टी ने इन नेताओं को दूसरे राज्यों से एडजस्ट कर  दिया और बाजी अनिल बलूनी के हाथ लगी जिसमे सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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