FEATURED
वीरता और साहस की मिसाल-गुरु तेग बहादुर।

मुगल शासनकाल में जहां गुरु टेगबहादुर औरंगजेब जैसे क्रूर राजा से भी नहीं डरे वहीं उन्होंने अपने धर्म की शान को बरकरार रखने के लिये समाज को यह संदेश दिया कि सब धर्म जाति से ऊपर उठकर हिन्दू बनें और अपने समाज की रक्षा करने के लिए शस्त्र और शास्त्र की विद्या को सीखने के लिए हिन्दू समाज का आह्वान किया।….
कमल किशोर दुकलान
रुड़की: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बेलड़ा खण्ड द्वारा विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सिक्ख पंथ में गुरु परम्परा के नवम गुरु तेग बहादुर जी के 400वां प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर,रुड़की में आयोजित गुरु टेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तराखंड+ पश्चिम उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख श्रीमान पदम जी ने कहा कि गुरु टेगबहादुर जी ने इस भरतभूमि पर जन्म लिया और हिन्दुओं को संगठित करने के लिए अपने जीवन के साथ-साथ अपने अन्य 27 परिजनों को मौत के गले लगाया।





