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उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पुस्तक “Listening, Learning & Leading” का अमित शाह ने किया विमोचन

“Listening, Learning & Leading” वेंकैया नायडू जी के पूरे जीवन का है एक व्याख्यान : अमित शाह 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

चेन्नई (तमिल नाडु) : केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने चेन्नई (तमिल नाडु) के कलैवनार अरंगम सभागार में माननीय उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी द्वारा रचित पुस्तक “Listening, Learning & Leading” पुस्तक का विमोचन करते हुए उप राष्ट्रपति नायडू के जीवन को सबके लिए अनुकरणीय बताया।

इस अवसर पर तमिल नाडु के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री ई. पलनिसामी, उप-मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक श्री एम. एस. स्वामीनाथन, प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन, विचारक श्री एस. गुरुमूर्ति, फिल्म जगत की प्रमुख हस्ती श्री रजनीकांत, प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी एवं कोच श्री पुलेला गोपीचंद, एवं केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कई गणमान्य हस्तियां भी मौजूद थीं।

श्री शाह ने इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “Listening, Learning & Leading” न तो एक पुस्तक का शीर्षक है और न ही माननीय उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी के दो साल के कार्यकाल का डॉक्यूमेंटेशन, बल्कि यह उनके पूरे जीवन का एक व्याख्यान है कि जीवन में हमें किस तरह सुनना, सीखना और समाज का नेतृत्व करना चाहिए और इसका उदाहरण श्री वेंकैया जी ने हम सबके सामने इस पुस्तक के माध्यम से रखा है। विद्यार्थी जीवन से लेकर उप-राष्ट्रपति तक के रूप में, श्री वेंकैया जी का आज तक का जीवन सभी दलों के युवा कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श व अनुकरणीय है।

श्री वेंकैया नायडू जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए माननीय गृह मंत्री ने कहा कि नेल्लोर, आंध्र प्रदेश के एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर वे बहुत कम उम्र में ही आरएसएस एवं विद्यार्थी परिषद् की विचारधारा से जुड़ गए और उसके आधार पर उन्होंने जिस तरह से राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दिया, यह हम सबने देखा है। मैं उनके जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना पर प्रकाश अवश्य डालना चाहूंगा। अभी-अभी हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत राजग सरकार ने इस देश को धारा 370 से मुक्ति दिलाई है। श्री वेंकैया जी विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता थे और विद्यार्थी परिषद् का धारा 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो श्री वेंकैया जी भी उस आंदोलन का हिस्सा थे। इस दौरान एक कम्युनिस्ट प्रोफ़ेसर ने श्री वेंकैया जी से पूछा कि आपने कश्मीर देखा है क्या? यदि आपने कश्मीर देखा ही नहीं है तो आप आंदोलन क्यों कर रहे हैं? तो छूटते ही वेंकैया जी का जवाब था कि हालांकि एक आँख को दूसरी आँख दिखाई नहीं देती लेकिन यदि एक को दर्द होता है तो दूसरी आँख को अपने-आप महसूस हो जाता है। देश के साथ बचपन से उनका यही जुड़ाव उन्हें यहाँ तक ले आया है।

श्री शाह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् के एक युवा कार्यकर्ता के रूप में, एक छात्र नेता के रूप में, एक लोकप्रिय विधायक के रूप में, आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के तौर पर एक लड़ाके के रूप में जब वे 17 महीने तक कारावास में रहे थे और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में श्री वेंकैया नायडू जी ने जीवन के संघर्ष भरे  कई पड़ावों को सफलतापूर्वक पार किया है। आज वे देश के उप-राष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति के रूप में राज्य सभा और समग्र राष्ट्र का मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह विधि का विधान ही है कि जिस युवा वेंकैया ने धारा 370 के खिलाफ आंदोलन किया था, वही वेंकैया नायडू जी राज्य सभा में सभापति के नाते उस सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे जब धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव राज्य सभा में पेश किया गया।   

माननीय गृह मंत्री ने कहा कि एक सांसद के रूप में मेरे मन में कभी कोई दुविधा नहीं थी कि धारा 370 हटना चाहिए या नहीं। मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि धारा 370 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का न कुछ भला हुआ और न ही विकास हुआ, इसलिए इसे हटना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के नाते भी मेरे मन में ज़रा भी दुविधा नहीं थी कि धारा 370 हटने के बाद क्या होगा? मैं निश्चित रूप से मानता हूँ कि धारा 370 के हटने के बाद कश्मीर से आतंकवाद ख़त्म होगा और राज्य विकास के रास्ते पर तेजी से आगे चल पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सभा में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण बहुमत न होने के नाते इस विधेयक को संसद के उपरि सदन में रखते हुए कुछ चिंता जरूर थी लेकिन इसके  बावजूद हमने तय किया था कि हम विधेयक को पहले राज्य सभा में लेकर जायेंगे, फिर लोक सभा में ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी आँखों के सामने आंध्र प्रदेश के विभाजन का दृश्य भी था तो मन में इस बात की भी थोड़ी आशंका थी कि इस विधेयक को रखने के बाद कहीं मैं भी तो इसी तरह के किसी दृश्य का हिस्सा नहीं बन जाउँगा लेकिन यह श्री वेंकैया नायडू जी की कुशलता का ही परिणाम है कि विपक्ष के सभी मित्रों को सुनते-सुनते डिविजन तक कोई ऐसा दृश्य खड़ा नहीं हुआ जिसके कारण देश की जनता को ये लगे कि उपरि सदन की गरिमा नीचे आई है और बड़े ही सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में यह विधेयक पारित हुआ। मैं इस मंच से श्री वेंकैया जी की सदन के संचालन की कुशलता को साधुवाद देना चाहता हूँ।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैंने श्री वेंकैया जी को राज्य में प्रदेश के महामंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र में राष्ट्रीय महामंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, सभी पदों पर काम करते हुए देखा है। मैं यहाँ एक कार्यकर्ता के तौर पर सीखने वाली बात आप सबको बताना चाहता हूँ। श्री वेंकैया जी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली का विधान सभा चुनाव था। हम सब जानते हैं कि दिल्ली एक छोटा प्रदेश है लेकिन फिर भी पार्टी ने उनसे आग्रह किया था कि वे दिल्ली के चुनाव प्रभारी बनें लेकिन बिना किसी शिकन के उन्होंने दिल्ली चुनाव प्रभारी का दायित्व एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता की तरह सफलतापूर्वक निभाया। जितनी तन्मयता से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभालते थे, उतनी ही तन्मयता के साथ उन्होंने दिल्ली के चुनाव प्रभारी का दायित्व भी संभाला। नियमित रूप से सुबह 9 बजे कार्यालय आने वाले अध्यक्ष आज तक भाजपा में यदि कोई बने हैं तो वे श्री वेंकैया नायडू जी थे। वे विपरीत परिस्थितियों में भी छोटी से छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी को ऊपर उठाने में लगे रहे। पार्टी को मूल सिद्धांतों की ओर वापस ले जाने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया। पहली बार पार्टी ने देखा कि जिले स्तर तक का संगठनात्मक दौरा राष्ट्रीय अध्यक्ष कर सकता है। उन्होंने देश भर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद भी किया और उन्हें संबल भी दिया। श्री वेंकैया नायडू जी भारतीय जनता पार्टी के एक सफल राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में वे ग्रामीण विकास मंत्री थे और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और शहरी विकास मंत्री के पद को सुशोभित किया। उनके ही कार्यकाल में शहरों को बदलने वाला प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और स्मार्ट सिटी का कंसेप्ट लॉन्च हुआ। श्री वेंकैया जी ने सफलतापूर्वक शहरी विकास मंत्रालय का नेतृत्व किया और श्री नरेन्द्र मोदी जी की अर्बन डेवलपमेंट की परिकल्पना को जमीन तक पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किया।

उप-राष्ट्रपति के रूप में श्री वेंकैया नायडू जी के कार्यकाल की सराहना करते हुए श्री शाह ने कहा कि कई बार देखा गया है कि उप-राष्ट्रपति के पद पर अच्छे से अच्छे व्यक्तित्व के बैठने के बावजूद थोड़ी सी शिथिलता आ जाती है लेकिन वेंकैया जी ने थोड़ी सी भी इसमें शिथिलता लाये बगैर इसे और गतिमान बनाया और देश के कोने-कोने का उन्होंने दौरा किया। उप-राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अब तक उन्होंने लगभग 61 दीक्षांत भाषण दिए, 35 जगहों पर विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया, कई सायंस और टेक्निकल इंस्टीट्यूट का दौरा कर लगभग 25 व्याख्यान दिए और कई धार्मिक व सामाजिक प्रतिष्ठानों का भी दौरा कर उन्होंने समाज जीवन में चेतना लाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि चूंकि श्री वेंकैया जी मूलतः किसान परिवार से हैं, इसलिए वे उप-राष्ट्रपति पद पर रहते हुए किसानों के साथ भी कई बार अनौपचारिक संवाद किया और कृषि नीति के बारे में समय-समय पर हमेशा सरकार का मार्गदर्शन करते रहते हैं। उप-राष्ट्रपति रहते हुए देश की स्वीकृति और देश के हितों के संरक्षण के लिए उन्होंने कई मैत्रीपूर्ण राजनयिकों के साथ वार्ता की। उन्होंने 11 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, सात उप-राष्ट्रपति, 8 प्रधानमंत्री और 7 संसदीय शिष्टमंडलों के साथ चर्चा करके उन्होंने भारत का संदेश दुनिया में भी पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने चार महाद्वीपों में 19 देशों की यात्रा भी की, इसमें कुछ देश तो ऐसे भी थे जहां पहली बार भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति पहुंचे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की विचारधारा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित एक कार्यकर्ता जब राज्य सभा का सभापति चुना जाता है, तब उनकी सबसे बड़ी परीक्षा ये होती है कि वे राज्य सभा के सभापति के रूप में कितनी निष्पक्षता से काम करते हैं लेकिन श्री वेंकैया जी इस पर भी खड़े उतरे हैं। विपक्ष की राजनीतिक टीका-टिप्पणियाँ भी होती हैं, हालांकि श्री वेंकैया जी के लिए इससे टिप्पणियाँ नहीं के बराबर हुई हैं। राज्य सभा में ट्रेजरी बेंच के लोगों को उनसे हमेशा भय रहता है कि कहीं किसी नियम का तनिक भी उल्लंघन तो नहीं हुआ क्योंकि श्री वेंकैया जी हमेशा चाहे सत्ता पक्ष हो, विपक्ष हो या ट्रेजरी बेंच हो, सबके लिए समान व्यवहार करते हैं। मेरी तो एक स्वीट कंप्लेन है श्री वेंकैया नायडू जी से कि ट्रेजरी बेंच पर उनके ज्यादा स्ट्रिक्ट होने से हर मंत्री उनसे डरते हैं।

श्री शाह ने कहा कि आज “Listening, Learning & Leading” पुस्तक का विमोचन हुआ है। यह पुस्तक आने वाले समय में बनने वाले राज्य सभा के सभापति और एक उप-राष्ट्रपति देश के साथ किस तरह संवाद करता है, इसके लिए तो मार्गदर्शन करेगा ही लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता के लिए भी यह पुस्तक मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। मैं माननीय उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी को आने वाले कार्यकाल के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। वर्षों तक वे इसी तरह देश का मार्गदर्शन करते रहें और समाज जीवन में चेतना लाते रहें।

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