नैनीताल हाईकोर्ट ने आइएफएस संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर दी व्यवस्था
कैट चेयरमैन के खिलाफ मांगी थी आपराधिक अवमानना याचिका की अनुमति
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल: रमन मैग्सैसे पुरूस्कार से सम्मानित आइएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने साफ किया है कि कैट चेयरमैन के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका के लिए महाधिवक्ता की अनुमति-सहमति जरूरी नहीं है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिका दायर करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने कैट चेयरमैन को अवमानना नोटिस जारी किया था। कैट चेयरमैन जस्टिस एल नरसिंहन रेड्डी ने अपने आदेश में हाईकोर्ट के फैसले पर कहा था कि कोर्ट का आदेश प्रशासनिक टिब्यूनल अधिनियम के विरुद्ध है। साथ ही यह भी कहा था कि हाईकोर्ट ने बिना एम्स का पक्ष सुने आदेश पारित किया था। कैट चेयरमैन ने इस बात पर सवाल उठाया था कि उनके द्वारा दिल्ली में पारित आदेश के विरुद्ध सुनवाई उत्तराखंड उच्च न्यायालय में कैसे की गई।
इन टिप्पणियों को आपराधिक अवमानना की श्रेणी में मानते हुए आइएफएस संजीव चतुर्वेदी ने याचिका दाखिल करने के लिए इसी साल मार्च में महाधिवक्ता से अनुमति मांगी। दो जुलाई को महाधिवक्ता ने यह कहते हुए अनुमति देनेसे इन्कार कर दिया कि उनकी नजर में पूरे मामले में कोई आपराधिक अवमानना का केस नहीं बनता। साथ ही यह भी कहा कि इसी मामले में सिविल अवमानना को लेकर दायर वाद सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। आइएफएस संजीव चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे चुनौती दी थी। याचिका में महाधिवक्ता के आदेश को रद करते हुए आपराधिक अवमानना याचिका दाखिल करने की अनुमति देने की प्रार्थना की गई।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने शनिवार को इस पर सुनवाई करते हुए अवमानना याचिका की अनुमति दे दी, साथ ही कहा कि इस तरह के मामलों में अवमानना की याचिका सीधे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष दाखिल की जा सकती है, जो कि उस पर उचित निर्णय लेंगे।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !