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केदारनाथ धाम के कल बुधवार को प्रातः 6.10 बजे मेष लग्न में खोले जाने की सभी तैयारियां पूरी

गंगोत्री, यमुनोत्री के बाद अब खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट 

बाबा केदार की उत्सव डोली पहुंची केदारनाथ धाम 

कपाटोद्घाटन के लिए केदारनाथ के प्राचीन मंदिर को लगभग 10 कुंतल फूलों से सजाया गया 

मंदिर में पूजा अर्चना में केवल मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग सहित 16 अन्य लोगों को ही शामिल होने की ही है इजाज़त

https://youtu.be/zSE5RXuIIvc

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : मध्य हिमालय में 11750 फीट की ऊंचाई पर मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर भगवान शिव के बारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट आगामी ग्रीष्मकाल के लिए बुधवार प्रातः 6.10 बजे मेष लग्न में खोले जाने की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। बुधवार प्रातः कपट खुलने के बाद अब आगामी छह माह तक भगवान आशुतोष की  पूजा-अर्चना केदारनाथ धाम में ही होगी। मंगलवार सायं तक केदारनाथ के प्राचीन मंदिर को लगभग 10 कुंतल फूलों से सजाया गया है। वहीं, जिला प्रशासन ने कपाटोद्घाटन के अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना में केवल मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग सहित 16 अन्य लोगों को ही शामिल होने की इजाज़त दी है । गौरतलब हो कि केदारनाथ धाम पांडवों और आदि गुरू शंकराचार्य की तपस्थली रही है।
उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में देवस्थानम बोर्ड के कार्यधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि यात्राकाल के लिए बाबा केदार की पूजा-अर्चना के लिए जरूरी पूजन सामग्री और अन्य सामग्री डोली के साथ केदारनाथ धाम पहुंचा दी गई है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में मन्दाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम से लेकर मंदिर परिसर तक बर्फ को काटकर चार फीट से अधिक चौड़ा गलियारा बना दिया गया है। उन्होंने बताया यह पहला अवसर होगा जब कपाटोद्घाटन के दौरान श्रद्धालु साक्षी नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा कपाट खोलने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर दी है। बुधवार ब्रह्म मुहूर्त में बाबा केदार के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू होगी। जिसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद ऊखीमठ तहसील प्रशासन की उपस्थिति में प्रातः 6.10 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। उन्होंने बताया इसके बाद मंदिर में कई अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा।
देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि कपाटोद्घाटन के दौरान जिला प्रशासन सहित पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष कपाटोद्घाटन समारोह सूक्ष्म रूप से आयोजित किया जा रहा है और इस अवसर पर आम श्रद्धालुओं को धाम पहुँचने की अनुमति नहीं दी गई है।
वहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के बाद की परिस्थितियां पर ही निर्भर करता है कि यात्रा का संचालन कब और कैसे किया जायेगा। बता दें कि मध्य हिमालय में 11750 फीट की ऊंचाई पर मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर विराजमान भगवान आशुतोष के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र है।

https://youtu.be/zSE5RXuIIvc

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