कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों ने प्रशिक्षु चिकित्सकों को मुहं के कैंसर के बनने, इसके लक्षण, इससे मरीज को होने वाली परेशानी व निदान के बाबत दी विस्तृत जानकारी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कैंसर सर्जरी विभाग के तत्वावधान में मुहं के कैंसर के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर दो दिवसीय ट्रेनिंग कोर्स विधिवत शुरू हो गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को कैंसर सर्जरी की तकनीक व प्रणाली के बाबत विस्तृत जानकारी दी।
बुधवार को एम्स संस्थान में कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से दो दिवसीय मास्टर क्लास प्रशिक्षण कार्यशाला विधिवत शुरू हो गई। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि संस्थान की उन्नति तभी संभव होगी जब सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य कर सकें। उन्होंने संस्थान की प्रगति के लिए टीम भावना से कार्य करने पर जोर दिया।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान के स्तर से बढ़ते कैंसर मरीजों की संख्या के मद्देनजर उनके उपचार के लिए अलग से ब्लॉक स्थापित किया जाए। इस दिशा में जल्द कार्य शुरू किया जाएगा। कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला के माध्यम से प्रशिक्षु चिकित्सकों को मुहं के कैंसर के बनने, इसके लक्षण, इससे मरीज को होने वाली परेशानी व निदान के बाबत विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तम्बाकू, एल्कोहल व धुम्रपान के अध्यधिक सेवन से इस बीमारी को अधिक बढ़ावा मिलता है और यह घातक हो जाती है।
संस्थान के डीन व कैंसर विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि मुहं के कैंसर के मरीजों की संख्या में उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में एम्स संस्थान का प्रयास है कि संस्थान में अधिकाधिक दक्ष कैंसर सर्जन तैयार किए जाएं, जो लोगों को इस घातक बीमारी से निजात दिला सकें।
डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एम्स संस्थान में उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार आदि प्रांतों से इस बीमारी से ग्रसित मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं।
कार्यशाला में टाटा मैमोरियल सेंटर वाराणसी के डा. स्वागनिक चक्रवर्ती, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू लखनऊ के डा. हरिराम ने व्याख्यान में अपने अनुभव बांटे। विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. पंकज कुमार गर्ग ने बताया कि दो साल से एम्स संस्थान में कैंसर सर्जरी की यूनिट स्थापित हुई थी, इस समयांतराल में अब तक यहां 1000 से अधिक मरीजों की कैंसर सर्जरी की जा चुकी है। कार्यशाला में 30 प्रशिक्षु चिकित्सक शामिल हो रहे हैं। जिनमें ईएनटी, जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी,रेडियोलॉजी, शरीर रचना विभाग आदि विभागों के चिकित्सक शामिल हैं।
कार्यशाला में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, सर्जरी ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी अग्रवाल, प्रो.ब्रिजेन्द्र सिंह, डा.केएस रवि, डा. भियांराम, डा.सलाउद्दीन अंसारी, डा.धर्माराम, डा. यूबी मिश्रा, आयोजन सचिव डा. महेंद्र पाल सिंह आदि मौजूद थे।