गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को एकजुट हुए आंदोलनकारी

हल्द्वानी : गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर तमाम आंदोलनकारी संगठनों ने हल्द्वानी में एकजुट होकर संकल्प लिया कि गैरसैंण राजधानी बनने तक उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा। क्योंकि जहाँ गैरसैंण हमारे लिए मात्र राजधानी नहीं यह पहाड़ की अस्मिता और राज्य आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले लोगों की इच्छा का केंद्र रहा है।
शनिवार को हल्द्वानी के एक बैंकट हाल में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों व दूसरे राज्यों से पहुंचे उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों ने राजधानी को लेकर अपनी-अपनी बात रखी। यहाँ पहुंचे वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ी राज्य की राजधानी पर्वतीय क्षेत्र में ही होनी चाहिए तभी पलायन पर अंकुश लग सकता है । उन्होंने कहा कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने का मुद्दा राज्य की जनता की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। जिसके चलते फिर से आंदोलनकारी ताकतें गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए एकजुट हो गई हैं।
यहाँ आंदोलनकारियों ने संकल्प लिया कि जबतक राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण नहीं बन जाती आंदोलन को जारी रखा जाएगा। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही उत्तराखंड की जनता को छला है। ऐसे में राज्य आंदोलनकारियों को फिर से स्थाई राजधानी के लिए संघर्ष को तैयार रहना होगा। सम्मेलन में उत्तराखंड के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे आंदोलनकारी हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान राज्य आंदोलकारी व पत्रकार राजीव लोचन शाह, चारू तिवारी, पीसी तिवारी, उमेश तिवारी, उमा भट्ट, बसंती पाठक, गुरविंदर सिंह चड्ढा, किशोर गहतोड़ी, उमेश पंत आदि मौजूद रहे।