27 साल बाद होगा खतनू नदी में मच्छ मौण मेला
चार जून को खतनू नदी में होगा मच्छ मौण मेला आयोजित
देहरादून । अनूठी लोक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में हर तीज-त्योहार, शादी व मौण मनाने के रिवाज अनूठे हैं। 27 साल बाद इस बार बणगांव खत द्वारा खतनू नदी में 4 जून को मच्छ मौण आयोजित किया जा रहा है। मेले में 10-15 हजार लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। मच्छ मौण को लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी गई हैं।
चकराता ब्लॉक के बणगांव खत के 14 गांवों के ग्रामीणों ने महापंचायत में इस साल मौण मेले के आयोजन का निर्णय लिया था। खतनू नदी में चार जून को आयोजित होने वाले मच्छ मौण के आयोजन के लिए तैयारियां की जा रही हैं। 27 साल बाद मौण मेले के आयोजन से युवा पीढ़ी भी इसका महत्व जान सकेगी। जौनसार-बावर में दो तरह के मौण मेले का आयोजन किया जाता है। जातरु मौण और मच्छ मौण।
खतनू नदी में चार जून को मच्छ मौण में पौराणिक परंपरा के तहत बणगांव खत स्याणा परम सिंह मिल्कीराम ने तपलाड़ स्याणा को निमंत्रण के रूप में जोड़ी भेजी है। स्याणा ने बताया कि मौण की तैयारियां हो चुकी हैं। टिमरु पाउडर भी तैयार कर लिया गया है। कुल पुरोहित व ब्राहमणों द्वारा दिए गए लग्नानुसार चार जून को ठीक 11 बजे खतनू नदी में टिमरु पाउडर डालने के साथ ही मौण मेला शुरू हो जाएगा। 27 साल बाद हो रहे मच्छ मौण में क्षेत्र की आठ खतों द्वार, बिशलाड, मोहना, बोंदूर, अठगांव, कोरु, बहलाड़ के ग्रामीण भाग लेंगे। बणगांव खत ने पूरे क्षेत्र के लोगों को मौण मेले में आने का निमंत्रण भेजा है।
खतनू नदी में चार जून को मच्छ मौण में बणगांव खत के घण्ता, डेरियो, बिसोऊ, बेहमू, मैपावटा, शिर्वा, टुंगरोली, मेहरावना, बंगोती, रावना, पाटी, बुरास्वा गांव के ग्रामीण भाग लेकर मछलियां पकड़ेंगे। लोक संस्कृति के प्रतीक मौण मेले में शामिल लोगों में मछलियां पकडऩे का विशेष उत्साह होता है। पानी में टिमरु पाउडर डालने से मछलियां बेहोश हो जाती हैं, जिन्हें पकडऩा आसान हो जाता है। बणगांव खत का मच्छ मौण चार भागों में होता है। खतनू नदी में दारमोठी, बडौल, दोबायूं, डुंगियारा में अलग-अलग टिमरु पाउडर डाला जाता है, जिसके बाद मौण मेले में भाग लेकर लोग नदी में मछलियां पकडऩे में जुट जाते हैं। मच्छ मौण देखने के लिए उत्तरकाशी, पछवादून, टिहरी से भी लोग आाते हैं।