कण्वाश्रम में वन्य पशुओं के रेस्क्यू सेंटर व जू को मिली केंद्र की स्वीकृति
- डॉ. हरक सिंह रावत की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि
- कार्यदायी संस्था (मंडी परिषद) को धनराशि अवमुक्त करने के दिये आदेश
- कोटद्वार को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में बनेगा मील का पत्थर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : वर्ष 1957 में निर्मित चौकीघाटा में मृग विहार को कण्वाश्रम रेस्क्यू सेन्टर के रूप में स्थापित करने हेतु डॉ हरक सिंह रावत के अथक प्रयासों से ऐतिहासिक कण्वाश्रम में जानवरों का जू तथा रेस्क्यू सेंटर के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि उतराखंड को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मिली है जो उत्तराखंड प्रदेश वासियों के लिए किसी सपने का सच होने से कम नहीं कहा जा सकता है। आपको बता दे की चौकी घाटा में मृग विहार को कण्वाश्रम रेस्क्यू सेंटर के रूप में विकसित किए जाने हेतु डॉ हरक सिंह रावत काफी समय से प्रयासरत थे।
कांग्रेस सरकार द्वारा भी जनपद हरिद्वार के चिड़ियापुर में रेस्क्यू सेंटर खोलने का प्रयास किया गया था लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी उसे आज तक भारतीय वन्य जीव संस्थान से अनुमति प्राप्त नही हो पायी है। वहीं दूसरी ओर डॉ. हरक सिंह रावत के अथक प्रयासों से कोटद्वार स्थित कण्व आश्रम में रेस्क्यू सेंटर व जू की मात्र 6 महीने में आज स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। डॉ. रावत के प्रयासों से जहाँ गढ़वाल के द्वार कोटद्वार को कॉर्बेट के द्वार के रूप में पहचान मिली है, अब वही राजा भरत की जन्म स्थली में कण्वाश्रम रेस्क्यू सेंटर/ज़ू की स्थापना से कोटद्वार पर्यटन के रूप में उत्तरोत्तर गति से आगे बढ़ेगा। डॉ. हरक सिंह रावत जी द्वारा कोटद्वार के विकास हेतु की गयी घोषणाओं को निरंतर धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है। निश्चित ही इन स्वीकृति से कोटद्वार क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा, वही कोटद्वार को पर्यटन केंद्र के रूप में विश्व पटल पर एक नई पहचान मिलेगी। साथ ही इस रेस्क्यू सेंटर के बनने से क्षेत्र में मानव एवं वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में भी कमी आएगी।
वन मंत्री उत्तराखंड डॉ. रावत और केंद्रीय वन मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ कई स्तर की बैठकों के फल स्वरुप ही यह ऐतिहासिक सौगात उतराखंड को मिल पाई है। इस मौके पर माननीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने केंद्रीय वन मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी का हृदय की गहराइयों के साथ उनका धन्यवाद ज्ञापित किया तथा साथ ही इस पूरे प्रकरण में केंद्रीय वन मंत्री जी के निजी सचिव हार्दिक शाह आईएएस जिन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर भी इस रेस्क्यू सेंटर /जू के लिए मेहनत की उनका भी माननीय डॉ. हरक सिंह रावत जी ने उत्तराखंड सरकार की ओर से धन्यवाद व्यक्त किया है।
विकास की इस रफ्तार में जिस तरह से वन विभाग ने अपनी भूमिका माननीय वन मंत्री डॉ.रावत के नेतृत्व में निभाई है उससे माननीय वन मंत्री जी ने वन विभाग के प्रति आम जनता की धारणा को बिल्कुल बदल के रख दिया है अब वन विभाग विकास में अवरोधक के रूप में नहीं बल्कि विकास के सहयोगी के रूप में एक नई पहचान प्राप्त करेगा।