- पीड़ित छात्रा ने तीन-चार छात्रों के नाम पुलिस को बताए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : दून घाटी के एक बोर्डिंग स्कूल में शर्मनाक घटना हुई है यहां दसवीं में पढ़ने वाली एक की छात्रा के साथ दुराचार किये जाने के बाद छात्रा का गर्भवती होने और उसके बाद मामला दबाने का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब छात्रा एक माह से गर्भवती हो गई। मामले में अभी तक दुराचार का आरोप स्कूल के कुछ सीनियर छात्रों पर लगा है । एसएसपी के संज्ञान में रविवार को जब प्रकरण आया तो उन्होंने जांच के निर्देश दिए।
इसके बाद पुलिस एसडीएम विकासनगर और बाल कल्याण समिति के साथ स्कूल पहुंची और मामले की जानकारी जुटाई। स्कूल और हॉस्टल में प्राथमिक जांच के बाद घटना के सही होने के संकेत मिले हैं। पुलिस ने स्कूल और हॉस्टल प्रबंधन से भी पूछताछ की है।
घटना दून के ग्रामीण इलाके में स्थित एक बोर्डिंग स्कूल (कक्षा एक से 12 तक) की है। स्कूल में दो सगी बहनें एक ही कक्षा में पढ़ती हैं। बताया जा रहा है कि उनके माता पिता के बीच अनबन के चलते वे उनसे मिलने भी नहीं आ पाते हैं। बीते दिनों छोटी बहन की तबीयत खराब हुई तो उसने बड़ी बहन को सारी बात बताई।
पता चला कि छात्रा एक माह के गर्भ से है। बताया जा रहा है कि पीड़ित छात्रा ने तीन-चार छात्रों के नाम भी बताए जिन्होंने उसके साथ दुराचार किया था। सूत्रों के मुताबिक स्कूल प्रबंधन को जब यह बात पता चली तो उन्होंने भी इसे दबाने का प्रयास किया और चुपचाप छात्रा का गर्भपात कराने की तैयारी होने लगी। इसी बीच यह मामला एसएसपी निवेदिता कुकरेती के संज्ञान में आ गया। रविवार शाम को उन्होंने तत्काल मामले में एसओ सहसपुर नरेश सिंह राठौर को जांच के निर्देश दिए।
इसके बाद एसओ ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों और एसडीएम विकासनगर को भी इसकी सूचना दी। शाम करीब सात बजे टीम स्कूल पहुंची और मामले में जानकारी जुटाई। प्राथमिक जांच में घटना के सही होने के संकेत मिले हैं। सोमवार को छात्रा का मेडिकल कराया जा सकता है। इधर, शिकायत में जिन छात्रों के नाम बताए जा रहे हैं पुलिस जांच में पता चला है कि वे सभी छात्र इंटरमीडिएट में पढ़ते हैं। हालांकि पुलिस अभी भी मामले की गहराई तक जांच में जुटी थी।
NIEPVD मामला: छात्र करता था शारीरिक उत्पीड़न
पीड़िता अधिकारियों को मिलाती रही फोन लेकिन किसी ने नहीं उठाया
एनआईईपीवीडी (पूर्व में एनआईवीएच) में शारीरिक उत्पीड़न की शिकार छात्रा ने पुलिस और प्रशासन के कई अफसरों को अपनी पीड़ा बयां करनी चाही थी। इसके लिए उसने कई बार अधिकारियों को फोन भी मिलाए, लेकिन दुर्भाग्य से किसी का फोन नहीं उठा। यह सब बातें पीड़िता ने रविवार को बाल आयोग की अध्यक्ष को बताईं। इधर, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए जाएंगे। दरअसल, छात्रा एनआईईपीवीडी में गत डेढ़ साल से रह रही है।
वर्तमान में वह दो वर्षीय पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष की पढ़ाई कर रही है। जबकि आरोपी छात्र कैंपस से बाहर रहता था और क्लास अटेंड करने के बाद शाम तक कैंपस में ही घूमता रहता था। वह तरह-तरह के बहाने बनाकर छात्रा को अपने पास बुलाता रहता था और उसे प्रताड़ित करता रहता था। आरोप है कि जब छात्रा चिल्लाने का प्रयास करती तो वह उसे डरा धमकाकर चुप करवा देता था। करीब तीन माह पहले उसकी इन हरकतों से आजिज आकर छात्रा ने प्रबंधन से भी शिकायत की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि छात्रा ने कई बार एसएसपी, एसपी सिटी और अन्य अधिकारियों को फोन किए, लेकिन किसी का फोन नहीं उठा। इसके बाद उसने जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया। अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि हालांकि, इस दौरान छात्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन नहीं किया। इसका कारण पूछने पर उसने बताया था कि वह इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ थी कि किसी भी समय की घटना को कंट्रोल रूम को सूचना दी जा सकती है।
उसे केवल इतना पता था कि घटना के समय कंट्रोल रूम को सूचना दी जाए तो उसी पर ही कार्रवाई की जाती है। इधर, इस संबंध में एसओ राजपुर अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि रविवार को मुकदमे की विवेचना अधिकारी ने पीड़िता के बयान दर्ज किए हैं।इसके अलावा संस्थान में जाकर भी जानकारी जुटाई है। सोमवार को मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आरोपी छात्र की तलाश के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। जल्द आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।