UTTARAKHAND

बीते 10 दिन में राज्य में वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी

एसडीसी फाउंडेशन ने वैक्सीनेशन मीटर का चौथा संस्करण जारी किया

देहरादून। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने हर 10 दिन में जारी किया जाने वाला उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर का चौथा संस्करण शनिवार को जारी किया। इस बार वैक्सीनेशन मीटर का सबसे बड़ा और सुखद संकेत यह है कि पिछले 10 दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार ने तेजी पकड़ी है। इससे प्रतिदिन का 10 दिन पहले का टारगेट कुछ कम हो गया है। हालांकि 30 सितम्बर तक सभी को वैक्सीन की पहली डोज देने की चुनौती अब भी बनी हुई है।

 

10 दिन में 9 लाख से ज्यादा डोज

एसडीसी फाउंडेशन के वैक्सीनेशन मीटर के अनुसार पिछले 10 दिनों, 4 से 13 अगस्त मे राज्यभर में कुल 9,44,518 डोज वैक्सीन दी गई, यानी कि हर दिन औसतन 94,452 डोज वैक्सीन दी गई हैं। 10 दिन पहले उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर संकेत दे रहा था कि 31 दिसंबर तक वैक्सीनेशन का टारगेट हासिल करने के लिए हर दिन 66,267 डोज वैक्सीन देनी होंगी। लेकिन, पिछले 10 दिनों में हुई प्रगति से अब प्रति दिन का टारगेट कुछ कम हो गया है। अब जबकि टारगेट पूरा करने के लिए 140 दिन बाकी रह गये हैं, राज्य में हर दिन 64,254 डोज वैक्सीन की जरूरत होगी।

31 दिसंबर है टारगेट

एसडीसी फाउंडेशन का उत्तराखंड वैक्सीनेशन मीटर बताता है कि राज्य सरकार ने 31 दिसंबर तक 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों का वैक्सीनेशन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 80,50,684 है। यानी इन लोगों को कुल 1,61,01,368 डोज वैक्सीन दी जानी है।

13 अगस्त तक दी गई डोज का आकलन करें तो 54,10,331 लोगों को पहली डोज और 16,95,512 को दोनों डोज वैक्सीन दी जा चुकी है। यानी कुल 71,05,843 डोज वैक्सीन दी गई है। अब 89,95,525 डोज देनी बाकी है।

पहली डोज की चुनौती बरकरार

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल बताते हैं कि वैक्सीनेशन में अच्छी प्रगति के बावजूद पहली डोज की चुनौती अब भी बनी हुई है। 31 दिसंबर तक सभी का वैक्सीनेशन करने का अर्थ यह है कि इससे 84 दिन पहले यानी सितम्बर अंत तक सभी को पहली डोज देनी जरूरी है। 13 अगस्त तक के वैक्सीनेशन के आंकड़े बताते हैं कि अब तक 54,10,331 लोगों को पहली डोज दी गई है। यानी 26,40,353 पहली डोज अगले लगभग 50 दिन में देनी जरूरी है।

 

अनूप नौटियाल कहते हैं कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को रणनीति बनाते समय कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अनुपात का भी ध्यान रखना होगा। ज्यादातर लोगों को पहली डोज कोविशील्ड दी जा रही है, ऐसे में दूसरी डोज के दौरान भी यह ध्यान रखना होगा कि दोनों वैक्सीन की डोज पहली डोज के अनुपात में ही मिलें।

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