LAW & ORDERs

उत्तराखंड में उपभोक्ता अदालतों का हाल बेहाल, न्याय कैसे मिलेगा उठ रहे हैं सवाल

राज्य आयोग में 01 अगस्त 2019 से न्यायिक कार्य ठप्प

राज्य आयोग व 12 जिला आयोगों में फैसला करने वाले अध्यक्ष का एक तो  सदस्यों के 18 पद पड़े हैं रिक्त

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून: Jago Grahak Jago’s slogan will come true only when there are full posts of justice givers in the consumer courts, but when the posts remain empty, it is meaningless to expect the customers to get justice from the consumer courts.

जागो ग्राहक जागो का नारा तो तब साकार होगा जब उपभोक्ता अदालतों में न्याय देने वालों के पूरे पद होंगे लेकिन जब पद ही खाली अपडे रहेंगे तो ग्राहकों को उपभोक्ता अदालतों से न्याय की उम्मीद करना बेमानी ही है।  उत्तराखंड के सभी 13 जिलोें में नये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता फोरम, 20 जुलाई 2020 से जिला उपभोक्ता आयोग बन गये है। इन्हें परिवादी के जिले में ही एक करोड़ तक के उपभोक्ता विवादों का निपटारा करने का अधिकार दिया गया। राज्य उपभोक्ता आयोग के 20 लाख से एक करोड़ तक के उपभोक्ता मुकदमें निपटारे के अधिकार को बढ़ाकर 1 करोड़ से 10 करोड़ तक कर दिया गया है तथा उपभोक्ता अपने प्रदेश के आयोग में इसे दर्ज करा सकता है।

नया उपभोक्ता एक्ट लागू होने से प्रदेश के सभी जिलों के जिला उपभोक्ता फोरम, जिला उपभोक्ता आयोग तो बन गये हैै औैर उन्हेें एक करोड़ तक के विवादों के निपटारे की शक्तियां भी मिल गयी है तथा राज्य आयोेग को एक करोड़ से दस करोड़ तक की शक्तियां मिल गयी हैै। लेकिन इनमें सदस्यों तथा अध्यक्षों के पद रिक्त होने से प्रदेश के लोगों को इसका पूर्ण लाभ अभी नहीं मिल पा रहा है। राज्य आयोग में तो 01 अगस्त 2019 से सदस्यों के सभी पद रिक्त होने के कारण किसी भी अपील व उपभोक्ता मुकदमें का फैसला नहीं हो पा रहा है और न्यायिक कार्य पूर्णतः ठप्प है। न्यायिक कार्य, सुनवाई व फैसले के लिये अध्यक्ष व कम से कम एक सदस्य या दो सदस्यों का उपस्थित होना आवश्यक है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को उत्तराखण्ड शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के लोक सूचना अधिकारी/अनु सचिव जसविन्दर कौर द्वारा 31 जनवरी 2021 को राज्य के उपभोक्ता आयोगों में रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध कराया है।

श्री नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार उत्तराखंड के जिला आयोेगोें में उधमसिंह नगर में अध्यक्ष व एक सदस्य तथा रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत, पौडी़ गढ़वाल, बागेश्वर में पुरूष व महिला दोनों सदस्यों के पद रिक्त हैं जबकि पिथौरागढ, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी व चमोली जिला आयोग में एक ही सदस्य कार्यरत हैं तथा एक पद रिक्त है।

उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य उपभोक्ता आयोग में 01 अगस्त 2019 से पुरूष सदस्य तथा 17 जुलाई 2019 से महिला सदस्य तथा 20 जुलाई 2020 से दो सदस्यों के पद रिक्त रिक्त हैं। उधमसिंहनगर में अध्यक्ष का पद 01 अप्रैल 2019 से तथा महिला सदस्या का पद 12 अक्टूबर 2019 से रिक्त है। रूद्रप्रयाग जिले में 09 जनवरी 2018 से पुरूष सदस्य तथा 23 अक्टूबर 2018 से महिला सदस्य का पद रिक्त हैै। इसी प्रकार अल्मोड़ा में 16 अप्रैल 2019 से पुरूष सदस्य तथा 25 सितम्बर 2019 से महिला सदस्य का पद, नैनीताल में 17 अप्रैल 19 से महिला तथा 15 अप्रैल 2020 से पुरूष सदस्य का पद रिक्त है। पौड़ी गढ़वाल जिले में 18 नवम्बर 19 से महिला तथा 27 अप्रैल 20 से पुरूष सदस्य तथा बागेश्वर जिले में 10 अप्रैल 2020 से दोनों सदस्यों के पद रिक्त हैं। चम्पावत में 24 अप्रैल 19 से पुरूष तथा 16 अप्रैल 20 से महिला सदस्य का पद रिक्त है। पिथौरागढ में 2 मार्च्र 2018 से, , देहरादून में 27 मई 2019 से, टिहरी गढ़वाल में 21 सितम्बर 19 से, उत्तरकाशी में 25 सितम्बर 19, चमोली में 09 जनवरी 20 से महिला सदस्यों के पद रिक्त है।

राज्य उपभोक्ता आयोग की लोक सूचना अधिकारी वन्दना शर्मा द्वारा पत्रांक 96 दिनांक 03 मार्च 2021 द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार लम्बे समय से अक्रियाशील चल रहे जिला आयोगों में कार्य करने हेतु 17 दिसम्बर 2020 के आदेश से उधमसिंहनगर जिले के सदस्य सबाहत अली खान को नैनीताल का माह के प्रथम सप्ताह हेतु तथा चमोली के सदस्य क्रान्ति भट्ट को रूद्रप्रयाग का तीन दिन हेतु कार्यभार दिया गया है जबकि पिथौरागढ़ के सदस्य चंचल सिंह बिष्ट को अल्मोड़ा, चम्पावत तथा बागेश्वर का माह में केवल तीन-तीन दिन हेतु सदस्य का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

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