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त्रुटिपूर्ण सड़कों के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर गड़करी हुए सख्त

गलत डिजाइन से सड़क निर्माण के लिए होने वाली दुर्घटनाओं पर नपेंगे अधिकारी और भरेंगे जुर्माना

सड़क हादसे पर लगेगा एक लाख का जुर्माना : केंद्र सरकार की तैयारी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इसी महीने के अंत तक या जुलाई के पहले सप्ताह तक जारी कर सकता है अधिसूचना 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सड़क दुर्घटनाओं में 880 लोगों की हुई मौत : नितिन गड़करी  

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक समरोहों में इस बात का उल्लेख करते रहे हैं कि सड़क डिजाइन में त्रुटि के कारण बड़ी संख्या में सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना अनिवार्य है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 2016 में नागपुर में त्रुटिपूर्ण डिजाइन के कारण 1100 से अधिक सड़क हादसे व 578 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने नवंबर 2019 में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (जीटी रोड) के 212 किलोमीटर पर सड़क सुरक्षा अध्ययन किया था।
इसमें तीन साल में त्रुटिपूर्ण डिजाइन के कारण सड़क हादसों में 880 लोगों की मौत व 525 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। लिहाज़ा अब सड़कों के त्रुटिपूर्ण निर्माण पर हमें कड़े कदम उठाने होंगे ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके। 
देहरादून : केंद्र सरकार का सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने और सड़कों के अलाइनमेंट को त्रुटि रहित बनाने की तरफ अग्रसर है ताकि सड़क के त्रुटिपूर्ण डिजाइन के कारण होने वाली दुर्घंट्नाओं का खामियाजा देश के आम लोगों को न भुगतना पड़े और इसका दंड ऐसी सड़क बनाने वाले इंजीनियरों और सड़क बनाने वाले कंसल्टेंट कंपनियों को भुगतना पड़ेगा। इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इसी महीने के अंत तक या जुलाई के पहले सप्ताह तक अधिसूचना जारी कर सकता है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस तरह का यह नया कानून पहली अप्रैल को लागू करना था, लेकिन देशभर में लॉकडाउन के कारण यह लागू किये जाने से पीछे हो गया। सूत्रों के अनुसार कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के सेक्शन 198 में परिवर्तन करते हुए इसे जवाबदेह बनाया जा रहा है। इस नए संशोधन में निर्माण कंपनी-ठेकेदार और कॉन्संटेंट पर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की डिजाइन खामी पर जुर्माने व कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं इस कानून के तहत सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल, रख रखाव में लापरवाही आदि होने पर उक्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं जिससे दुर्घटना पर निर्माण कंपनी, ठेकेदार व अधिकारी जवाबदेह हों, जबकि ऐसे लोगों को सरकारों द्वारा सड़क निर्माण का पूरा भुगतान किये जाने के बाद ये लोग अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ते हुए साफ़ बच निकलते रहे हैं। लेकिन अब सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ऐसा नहीं होने देगा और दुर्घटना पर राजमार्ग की डिजाइन मंजूर करने वाले बड़े अधिकारियों (आईएएस) सहित सड़क परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने वाली कंसल्टेंट अधिकारी (अभियंताओं) पर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान करने जा रही है।
इतना ही नहीं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नए सेक्शन में अब राज्य राजमार्ग व जिला सड़कों तक को भी इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के मानक के दायरे में लाए जाने पर कवायद शुरू हो चुकी है। इसके वजूद में आने के बाद राज्य में सड़कों के निर्माण कार्यों को मंजूरी देने वाले अधिकारी, बड़े बाबू और निर्माण एजेंसियों सहित पीडब्ल्यूडी के वे सभी अधिकारी जो सड़क निर्माण से जुड़े होंगे व छोटे-बड़े ठेकेदार तक जुर्माने व कानून के जाल के भीतर आ जाएंगे।

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