चांद को किसने दी थी किशनपुर मस्जिद के पास बाल काटने की फड़ लगाने की छूट
लॉकडाउन का पहला चरण खत्म हो गया, पुलिस को अब पता चला लॉकडाउन का उल्लंघन
इस बात की क्या गारंटी, बाल काटने के दौरान चांद संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया
चांद के परिवार को राशन क्यों पहुंचाया पुलिस और प्रशासन ने
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। यह सच है कि चांद मोहम्मद किशनपुर में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बाल काटने की फड़ लगा रहा था। क्या इस मामले में अकेला चांद ही कसूरवार था, जो पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया। क्या देहरादून पुलिस और प्रशासन इन कुछ सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं। अगर ईमानदारी से जवाब दिए जाएं तो यहां अकेला चांद ही नहीं गिनती करने लायक कसूरवार मिल जाएंगे।
सवाल नंबर 1
जैसा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्तर से लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि लॉकडाउन में कोई बाहर नहीं निकलेगा, इसको लागू कराने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है। जहां चांद फड़ लगा रहा था, उस इलाके में लॉकडाउन को लागू कराने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की थी।
सवाल नंबर 2
लॉकडाउन का 21 दिन का एक चरण 14 अप्रैल का पूरा हो गया और दूसरा चरण 15 अप्रैल से 3 मई तक चलेगा। क्या 21 दिन में पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को यह नहीं दिखाई दिया कि चांद धड़ल्ले से बाल काटने की फड़ लगा रहा है। अगर अधिकारियों के संज्ञान में यह बात थी तो कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई।
सवाल नंबर 3
अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी ने चांद को किशनपुर मस्जिद के पास फड़ लगाने की छूट दी थी तो क्या उस अधिकारी या कर्मचारी का नाम लॉकडाउन का उल्लंघन कराने वालों की सूची में नहीं होना चाहिए। क्या छूट देने वाले पर भी वही कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जो चांद पर की गई। अगर किसी ने इजाजत नहीं दी थी तो चांद धड़ल्ले से फड़ कैसे लगा रहा था।
सवाल नंबर 4
बाल काटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की बात बेमानी है। इस बात की क्या गारंटी है कि इस दौरान चांद किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया होगा। अभी तक चांद के कोरोना संक्रमण का सैंपल भी नहीं लिया गया।
सवाल नंबर 5
सबसे महत्वपूर्ण सवाल, सोशल मीडिया पर पुलिस से लेकर तमाम संस्थाओं के घरों में राशन बांटने के फोटो की बाढ़ सी आ गई। हर जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन सामग्री देने के दावों और वादों के बीच चांद का परिवार कैसे छूट गया। अगर चांद के परिवार को भी राशन मिल जाता तो शायद उसके फड़ लगाने की नौबत नहीं आती। चांद के परिवार तक राशन नहीं पहुंचने के लिए किसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सवाल नंबर 6
क्या पूरे राज्य में अकेला चांद ही ऐसा शख्स है, जो घर में राशन का इंतजाम करने के लिए खुलेआम लॉकडाउन तोड़ता मिला।
एक ओर राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए दिनरात एक करते हुए व्यवस्थाएं बनाने में जुटी है, लेकिन कुछ अधिकारी इस आपात स्थिति में भी लापरवाह बने हैं। अब देखना यह है कि चांद वाले मामले में और कितने कसूरवारों पर कार्रवाई की जाती है।
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