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विधान सभा में बैठे महज चार ही मंत्री !

मुख्यमंत्री के आदेश का नहीं होता दिख रहा है असर
गैरसैंण विस सत्र से भी गायब हो गए थे सात मंत्री

अतुल बरतरिया

मुख्यमंत्री सुन रहे हैं जनसमस्या और कर रहे निराकरण 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सप्ताह के दो दिन बुधवार और गुरुवार को सभी मंत्रियों को विधानसभा में बैठने के निर्देश दिए है।  इसके बावजूद कम ही मंत्री विधानसभा में बैठकर जनसमस्याओं को तरजीह दे रहे हैं , इसके उलट मुख्यमंत्री अपने व्यस्त समय में से दो दिन कुछ समय निकालकर विधानसभा में बैठकर जनसमस्याओं को गंभीरता से सुन ही नहीं रहे हैं बल्कि उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी कर रहे हैं। 

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी मंत्रियों को सप्ताह में दो दिन विस परिसर में बने अपने दफ्तरों में बैठने का निर्देश दिया। लेकिन अधिकांश मंत्रियों को इसकी कोई परवाह नहीं है। बुधवार को महज चार मंत्री ही अपने दफ्तरों में बैठे। अलबत्ता मुख्यमंत्री खुद काफी समय तक अपने दफ्तर में रहे। यहां बता दें कि इससे पहले भराड़ीसैंण विस सत्र के दौरान भी सात मंत्री और तमाम विधायक बीच में ही गायब हो गए थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र चाहते हैं कि सभी मंत्री अपने-अपने दफ्तरों में सप्ताह में दो दिन बैठें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें। सीएम ने यही व्यवस्था अपने लिए भी बनाई है। लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। आज बुधवार को मुख्यमंत्री खुद और काबीना मंत्री मदन कौशिक समय से अपने दफ्तर में पहुंच गए थे।

हालाँकि बाद में राज्यमंत्री रेखा आर्य और धनसिंह रावत के साथ ही काबीना मंत्री सुबोध उनियाल भी आ गए। बाकी चार काबीना मंत्री आज भी दफ्तर के लिए समय नहीं निकाल सके। इस बार में काबीना मंत्री सुबोध उनियाल का कहना था कि होली की वजह से मंत्रीगण अपने घर या क्षेत्र में थे। गुरुवार को सभी मंत्री विधान सभा में बैठेंगे।

यहां बता दें कि इससे पहले भी भराड़ीसैंण में चल रहे सत्र के बीच से ही आठ मंत्री और तमाम भाजपा विधायक गायब हो चुके हैं। हालांकि भाजपा संगठन ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी को नोटिस जारी किए हैं।

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