UTTARAKHAND

“कौथिग” की पांचवीं शाम उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्र खटीमा के थारू लोक कलाकारों की प्रस्तुति के नाम

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नवीमुम्बई । नवीमुम्बई में चल रहे कौथिग 2020 की पांचवीं शाम की शुरुआत उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्र खटीमा से दल नायक बंटी राणा के नेतृत्व में आये थारू सांस्कृतिक विकास समिति के लोक कलाकारों की प्रस्तुति से हुई.
गायक हरीश और गायिका उर्मिला मेहता के सुंदर स्वरों में मंच पर दैणा होइया खोली का गणेशा….की वंदना पर खटीमा के कलाकारों ने अपनी पहली ही प्रस्तुति से श्रोताओं को देवभूमि की सैर करा दी.
दर्शन फर्स्वाण के गीत दादू गैरिया की ज्योंला हुडकी ने जमाया रंग फिर आज अगली धमाकेदार प्रस्तुति के लिये मंच पर चमोली के लोक गायक दर्शन फर्स्वाण आये. दर्शन फर्स्वाण ने दादू गैरिया की ज्योंला हुडकी घमा घम पेश किया तो हजारों की संख्या में आये श्रोताओं की तालियों से आसमान गूंज उठा. फिर उत्तराखंड देव भूमि के देवो की वंदना में बद्री विशाल की स्तुति लेकर विशन हरियाला आये. हरियाला ने जय जय बद्रीनाथ, जय काशी केदार की वंदना पेश की. फिर अगले गीत में हरियाला ने घुघूती न बासा, आम की डालियों में घुघूती न बासा से पहाड़ की खुद में प्रवासियों की आंखे नम कर दी. सुधीर रावत व कमल बिष्ट जी द्वारा निर्मित खूबसूरत भव्य मंच पर अगला गीत रौंत्यालू कुमाऊँ, छबीली गढ़वाल की भी प्रस्तुति हुई. फिर जौनसार के नन्हे कलाकार रोहित शर्मा ने भोले बाबा कैलाश…का भजन गाया. वहीं उत्तराखंड के कलाकारों के साथ मुंबई की नन्हीं कलाकार पूजा वर्ना ने उत्तराखंड की स्वरकोकिला मीना राणा के लोकप्रिय गीत हो साईबा… हो मन मेरू लगिगी कुमाऊं गढ़ म….गीत की सुंदर प्रस्तुति से प्रवासियों का मन जीत लिया.
कौथिग में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उत्तराखंड आर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय कुमार मंच पर पहुंचे.
अन्य अतिथियों में फ़िल्म अभिनेता हेमंत पांडे, राजपाल यादव, गोविंद पांडे, ललित दत्त, उदय नारायण, दीपक सिंह, पिथौरागढ़ से आये अतिथि यशवंत महर, प्रकाश जोशी, कैलाश पांडे, त्रिलोक मेहता, राजेश शर्मा, कुंडक नगरकोटी आदि ने उपस्थिति दी. मंच पर अतिथियों का स्वागत कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी, संयोजक केशरसिंह बिष्ट, कार्याध्यक्ष सुशील कुमार जोशी, महासचिव तरुण चौहान, मनोज भट्ट, सुरेश काला, सुरेंद्र बिष्ट, प्रकाश चंद, बलवंत पवार, मोहन बिष्ट आदि ने किया.

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