UTTARAKHAND

शिक्षा विभाग का कारनामा:एक अधिकारी के पास दायित्वों की भरमार तो कहीं कर डाला वरिष्ठता को दरकिनार

 सवालों के घेरे में है शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में अभी कुछ ही दिन पहले एक ऑडियो के वायरल हो जाने के बाद अब एक और नया मामला सामने आया है यहाँ चहेते अफसर को पांच-पांच दायित्व दिए जाने के मामले में जहां वरिष्ठता को दरकिनार किया गया है। वहीं कुछ अधिकारियों को बिना दायित्वों के वेतन दिया जा रहा है वह भी तब जब सूबे का शिक्षा विभाग शिक्षकों एवं प्रिंसिपलों कमी से दो-चार हो रहा है। विभाग की इस कार्यशैली को लेकर विभागीय कार्यप्रणाली तक सवालों के घेरे में आ गई है। 

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में चहेते अधिकारियों के पास एक नहीं पांच-पांच दायित्व दिए गए हैं ऐसे ही एक अधिकारी एससीईआरटी में उप निदेशक आनंद भारद्वाज हैं जिनके पास पांच दायित्व हैं। उनके पास एससीईआरटी में उप निदेशक के साथ ही उन्हें मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा हरिद्वार और जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा हरिद्वार का दायित्व तो है है लेकिन उन्हें उन्हें संस्कृत अकादमी का सचिव भी बनाया गया है। अब ये किनके चहेते हैं यह विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं। 

वहीं दूसरे अधिकारी अपर निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ.मुकुल कुमार सती हैं जिनके पास तीन -तीन दायित्व हैं। जहां उन्हें समग्र शिक्षा अभियान में अपर राज्य परियोजना निदेशक और नैनीताल डायट का प्राचार्य बनाया गया है। वहीं, अपर निदेशक बेसिक शिक्षा गढ़वाल मंडल एसपी खाली को संस्कृत शिक्षा परिषद का निदेशक बनाया गया है। खाली अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा के साथ ही संस्कृत शिक्षा परिषद के निदेशक का भी काम देख रहे हैं।

इधर सीईओ बागेश्वर नरेश शर्मा के पास सीईओ के साथ ही डीईओ बागेश्वर का भी प्रभार है। विभाग में सबसे ज्यादा चर्चा चहेते अफसरों को चार्ज दिए और वरिष्ठता को दरकिनार किए जाने को लेकर चल रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार सीईओ के पद पर संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी बैठता रहा है। जबकि यहां तो कुछ जनपदों में उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को सीईओ का दायित्व दिया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन अधिकारी है कि सरकार के इस निर्णय पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं क्योंकि फरमान ऊपर से जो आया है और ऊपर कौन बैठा है सबको पता है। 

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