LAW & ORDERs

हाई कोर्ट ने उठाये एसआईटी के गठन पर ही सवाल ?

न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में आया मामला 

एसआइटी किस नोटिफिकेशन के तहत जांच और पूछताछ कर रही है : हाई कोर्ट 

रिटायर सैन्य अफसर के हाईकोर्ट पहुंचने पर घिरी एसआईटी 

नैनीताल: गढ़वाल मंडल में भूमि से संबंधित मामलों की जांच कर रही एसआइटी के उत्पीड़न का मामला हाई कोर्ट पहुंचा है। आरोप है कि भू-माफिया के साथ मिलकर फर्जी शिकायत करा एसआइटी द्वारा असली भू स्वामियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि एसआइटी किस अथॉरिटी के अधीन गठित है और जांच कर रही है। अगली सुनवाई दस दिसंबर को नियत की गई है।

रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल बासुदेव कुकरेती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी देहरादून के पीडी टंडन मार्ग में आठ सौ गज जमीन है। उनका एक बेटा बेंगलुरु व दूसरा अमेरिका में है। उपचार कराने के लिए वह बेंगलुरु गए तो इसी बीच एसआइटी से मिलीभगत कर कुछ लोगों द्वारा उनकी संपत्ति को खुर्दबुर्द कर दिया। निर्माण भी ध्वस्त कर दिया गया।

अब झूठी शिकायत कर एसआइटी द्वारा पूछताछ के बहाने उनका ही उत्पीड़न किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एसआइटी बिना अदालत के आदेश के प्राथमिकी दर्ज हुए जांच नहीं कर सकती है। एसआइटी किस नोटिफिकेशन के तहत जांच और पूछताछ कर रही है।

याचिका में एसआइटी अफसरों से सुरक्षा की मांग भी की गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से यह बताने को कहा है कि एसआइटी किस कानून के तहत गठित है और इसकी अथॉरिटी क्या है।

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