एसआईटी की सूचना पर शासन ने देर से की कार्रवाई
बामुश्किल हुए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल निलंबित
समाज कल्याण विभाग के आलाधिकारियों के नाक के बाल रहे हैं गीता राम नौटियाल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक अभिरक्षा पर भेजे गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को शासन ने आखिरकार काफी समय के बाद निलंबित कर दिया है। यह बात भी ख़ास है कि जहाँ उन पर निलंबन की कार्रवाही मंगलवार को हुई है वहीं शासन ने किरकिरी से बचने के लिए उनका निलंबन बैक डेट से यानि 31 अक्टूबर से किया है।
गौरतलब हो कि समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल को बीते माह एसआईटी ने गिरफ्तार कर करने के बाद 31 अक्टूबर को ही हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और एक नवंबर को देहरादून में जिला न्यायालय में पेश कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा पर जेल भेज दिया गया था।
जबकि सामान्य तौर पर सरकारी कर्मचारी के गिरफ्तार होने के 48 घंटे के भीतर ही निलंबन की कार्रवाई की जाती रही है लेकिन गीता राम नौटियाल की गिरफ्तारी के बाद निलंबन पर समाज कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों के नाक का बाल होने के कारण उनके निलंबन पर लगभग 20 दिनों तक हीलाहवाली की जाती रही। मामले के अखबारों की सुर्खिया बन जाने के बाद जहां एसआईटी की फजीहत ओने लगी वहीं शासन में बैठे नौटियाल के हिमायती भी कठघरे में खड़े ओने लगे थे।
उल्लेखनीय है कि निलंबन की यह कार्रवाई मंगलवार को एसआईटी की सूचना के आधार पर की हुई है। सचिव (समाज कल्याण) एल फैनई के निर्देश पर उपसचिव राजेंद्र कुमार भट्ट ने नौटियाल के उत्तरांचल सरकारी सेवक(अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत निलंबन आदेश जारी किए।