वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा को संचालित करने का है मकसद
आठ विभागों के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण देते हुए दिए हैं सुझाव
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ यात्रा को वैष्णों देवी की तर्ज पर संचालित करने को लेकर आठ विभागों की टीम वैष्णों देवी यात्रा पर गई। इस दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर यात्रियों की थकान मिटाने के लिए मसाज पॉइंट्स खोले जायेंगे ताकि पैदल यात्रियों को पैदल चलने के बाद थोड़ा आराम मिले। यात्रा के बाद लौटकर टीम ने अपने छः दिवसीय भ्रमण के दौरान अध्ययन की रिपोर्ट का जिला कार्यालय में प्रस्तुतिकरण दिया और केदारनाथ यात्रा को और अधिक बेहतर बनाने के सुझाव दिए। टीम में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, नगर पालिका, स्वजल, जल संस्थान, उरेड़ा विभाग, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारी शामिल रहे।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए को रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग में लीद से कम्पोस्ट खाद्य तैयार करने के लिए गड्डे बनाने, जिसमें लीद इकठ्ठा कर कम्पोस्ट बनाई जा सके। घोड़े खच्चरों के लिये भीमबली के समीप स्थाई संरचना बनाने के लिए प्राकलन तैयार करने, एसडीएम ऊखीमठ को स्थानीय लोगों के माध्यम से विभिन्न पड़ावों पर मसाज प्वाइंट बनाने के लिए होमवर्क कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आगामी यात्रा में सभी हेली कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपनी एम्बुलेंस रखनी होगी, जो कि हेली रेस्क्यू वाले यात्रियों को अस्पताल पहुंचायेगी। सभी घोड़े-खच्चर-डंडी-कंडी संचालकों की यूनिफॉर्म रहेगी, जिससे आसानी से उनकी पहचान हो सके।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस नितवाल ने बताया कि वैष्णों देवी यात्रा का रूट पूर्णतः कवर होने के कारण घोड़े-खच्चर की लीद गीली नहीं होती और साफ करने में आसानी होती है। लीद को यात्रा मार्ग में नियुक्त सफाई कार्मिक द्वारा बोरो में भरकर एक स्थान पर एकत्र करते हैं और दिन में दो बार गाड़ी भेजी जाती है जो इस लीद को निश्चित स्थान पर पहुंचाती है। लीद को बाॅयो गैस प्लांट में प्रयुक्त कर ईंधन बनाने व कम्पोस्टिंग के माध्यम से खाद्य तैयार कर खेतों में प्रयोग की जाती है। घोड़े खच्चरों के लिए चेतक भवन नाम से आवास, गुणवत्ता युक्त चरी, आरएफ टैगिंग, शॉर्ट कट रास्तों पर सीढ़ियों के निर्माण कर सीढ़ी की संख्या अंकित किया जाय। वैष्णों देवी में स्वास्थ्य सेवाएं, सफाई व्यवस्था, घोड़े-खच्चरों की लीद का संचालन किस तरह होता है का प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके अलावा टीम ने पेयजल व विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पर विस्तृत अध्ययन किया और रिपोर्ट दी।