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प्रदेश की स्याह तस्वीर: 3946 ग्राम पंचायतें पलायन की मार से हो चुकी हैं पूरी तरह से खाली


हल्द्वानी। प्रदेश में पिछले दस वर्षों से तेजी से गांव खाली हो रहे हैं। प्रदेश की कुल 3946 ग्राम पंचायतें पूरी तरह खाली हो चुकी हैं। इन गांवों की लगभग 12 लाख की आबादी पलायन कर चुकी है। कुमांऊ के 6 जिलों में पिछले दस सालों में 1665 ग्राम पंचायतें पूरी तरह खाली हो चुकी हैं। यहां रहने वाली करीब साढ़े चार लाख की आबादी दूसरे शहरों, राज्यों में पलायन कर चुकी है ।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का पड़ोसी गांव पंतगांव पिछले तीन चार दशकों से लगातार पलायन की त्रासदी झेल रहा है। कभी पांच सौ परिवारों वाला यह गांव रानीखेत उपमंडल क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव था, अब गांव में कुल 90 परिवार रह गए हैं। यहां जंगली जानवरों के आतंक के चलते लोग खेती बाड़ी छोड़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अदद एएनएम सेंटर तक नहीं है। रानीखेत-रामनगर मोटर मार्ग पर भतरौंजखान के पास पंतगांव है। यह गांव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मोहनरी गांव से लगा हुआ है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.