उद्योगपति मुकेश अम्बानी बद्री-केदार के आगे हुए नतमस्तक
- बदरी धाम को चंदन और केसर खरीदने के लिए दिए दो करोड़ का दान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बद्रीनाथ /केदारनाथ धाम। देश दुनिया के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार का उत्तराखंड के चार धामों के प्रति गहरा स्नेह तो है ही साथ ही गहरी आस्था भी है. वे किसी भी कार्य के शुरू करने से पूर्व भगवान बद्रीविशाल के आगे नतमस्तक होकर उनसे आशीर्वाद लेने के बाद ही अपना कार्य शुरू करते रहे हैं. इतना ही नहीं वे लगभग प्रत्येक वर्ष यहाँ के धामों के दर्शन भी सपरिवार करते रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को उद्योगपति मुकेश अम्बानी ने अपने पुत्र अनंत अम्बानी के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरीनाथ नारायण के दर्शन कर भारत वर्ष की कल्याण की कामना की। इसके बाद वे केदारनाथ धाम पहुंचे और उन्होंने बाबा के स्वयंभू लिंग पर मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। उन्होंने बाबा केदार के दर्शन 20 मिनट पूजा-अर्चना की। उन्होंने बाबा का अभिषेक कर जलाभिषेक किया। इस मौके पर पुजारियों ने उन्हें प्रसाद भेट किया।
मुकेश अंबानी शनिवार सुबह हेलीकाप्टर से करीब नौ बजे बदरीनाथ धाम पहुंचे। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीड़ी सिंह और धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने फूल मालाओं से मुकेश अंबानी और उनके पुत्र का स्वागत किया। मंदिर परिसर में मुकेश अंबानी और उनके पुत्र अनंत अंबानी ने गीता पाठ पूजा में भाग लिया। भारतवर्ष की कल्याण की कामना कर अपने परिवार के लिए भगवान बदरीनाथ से कुशलता की कामना की।
इस अवसर पर मुकेश अंबानी ने मंदिर समिति को दो करोड़ रुपये बदरीनाथ धाम को चंदन और केसर खरीदने के लिए दान दिए। उन्होंने मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी से कर्नाटक में पांच बीघा जमीन पर बदरीश धीरुभाई अंबानी चंदन वाटिका स्थापित करने की बात कही. तमिलनाडु में चंदन का पेड़ लगाकर इसके बाद वही चंदन बदरीनाथ धाम में देने की बात कही।
वहीं उद्योगपति अम्बानी ने मंदिर समिति के मुख्य कार्यधिकारी बी.डी. सिंह को भरोसा दिलाया कि तमिलनाडृ में धीरू भाई अंबानी के नाम से जमीन खरीदी जा रही है और इस जमीन पर चंदन की खेती होगी। जिससे बदरीनाथ धाम में चंदन की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
गौरतलब हो बीते कि 24 मई 2018 को भी बेटे आकाश अंबानी और बहु श्लोका के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में दर्शन कर दो करोड़ 17 लाख की धनराशि भेंट की थी।