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मैं भगवान से कुछ भी नहीं मांगने आया : प्रधानमंत्री मोदी

  • बदरी केदार में मोदी ने की पूजा, अर्चना और लगाया ध्यान
  • केदारनाथ में विकास के मिशन पर किया जा रहा है काम
  • प्रधानमंत्री ने यात्रा तैयारियों की परेशानियों और जटिलता को समझा
  • पीएम के दौरे के बाद चारधाम श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से होगी वृद्धि : त्रिवेन्द्र 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

केदारनाथ  : यहां स्थित ध्यान कुटीर (रुद्र गुफा) में 17 घंटे तक ध्यान लगाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी रविवार सुबह जब ध्यान कुटीर (रुद्र गुफा) से बाहर आये तो वे आध्यात्मिक रंग में रंगे नजर आए। ध्यान कुटीर (रुद्र गुफा)से केदारनाथ मंदिर तक के डेढ़ किलोमीटर के पैदल रास्ते से चलने के बाद वे मंदिर परिसर में पहुंचे जहां प्रातः कालीन पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी मंदिर से बाहर आए और भगवान नंदी की पूजा के साथ ही मंदिर परिसर की परिक्रमा की।

इस दौरान वहां उपस्थित पत्रकारों से श्री मोदी ने कहा मैं भगवान से कभी मांगता नहीं हूं। मांगना मेरी प्रवृति नहीं है। भगवान ने मांगने नहीं, देने योग्य बनाया है। ईश्वर ने देने योग्य जो क्षमता दी उसे समाज और देवता को देना चाहिए। समाज देवता और अध्यात्म मिलकर बना है। उन्होंने कहा कि मई व जून में चुनाव भी कड़ी परीक्षा रहती है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग का भी आभार जताया कि आचार संहिता के कारण उन्हें दो दिन आध्यात्मिक भूमि में आने का सौभाग्य मिला।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब से ही आपदा के बाद केदारनाथ के लिए कुछ करना चाहते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें यह सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि यहां बर्फबारी के कारण तीन माह तक निर्माण कार्यों में दिक्कत आती है। इसके बावजूद निरंतर काम चले।

उन्होंने प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा प्रदेश सरकार ने यहां अच्छा काम किया है उन्होंने कहा केदारपुरी के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है जिसका मैं खुद कार्यों को रिव्यू करता हूं। इतना ही नहीं मैं वीडियो कांफ्रेसिंग से भी यहां की जानकारी लेता रहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश यही रहती है कि यहां के लिए और क्या अच्छा कर सकते हैं यही सोचता रहता हूँ। उन्होंने कहा इसके लिए मुझे अच्छी टीम भी मिली है। यहां के लिए प्रकृति, पर्यावण और पर्यटन ही मेरा मिशन है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 17 घंटे ध्यान कुटीर (रुद्र गुफा) में बिताए गए पलों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते दिन से ध्यान कुटीर (रुद्र गुफा) में बाहरी दुनियां से अलग भगवान की शरण में रहा। उन्होंने बताया गुफा (रुद्र गुफा) में एक ऐसी छोटी खिड़की है, जिससे भगवान केदारनाथ मंदिर के भव्य दर्शन होते रहते हैं।

उन्होंने कहा इस दौरान मैं हिंदुस्तान के वातावरण से बाहर था। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ में कार्य कर रहे लोगों की सराहना करते हुए कहा कि कपाट खुलने से दो माह पहले ही यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारी शुरू हो जाती है। इसमें सैकड़ों लोग जुटते हैं। जो विकट परिस्थितियों में कष्ट उठाकर कार्य करते हैं। इसकी जानकारी भी देश की जनता को होनी चाहिए। ताकि लोग भी इस कार्य से जुड़ें।

 

 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान नारायण के धाम बदरीनाथ में की पूजा अर्चना  
  • मोदी को चौलाई के लड्डू और भोजपत्र किए भेंट

बदरीनाथ । केदारनाथ में पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे बदरीनाथ धामपहुंचे। रविवार सुबह दस बजकर 12 मिनट पर प्रधानमंत्री का काफिला बद्रीनाथ धाम पहुंचा। माणा रोड स्थित आर्मी हेलीपैड से  लेकर साकेत चौराहे तक मार्ग में के मार्ग में खड़े लोगों का उन्होंने अभिवादन स्वीकार किया।

साकेत चौक से बदरीनाथ मंदिर की लगभग डेढ़ सौ मीटर की दूरी पैदल चलते हुए वे बद्रीनाथ मंदिर परिसर से होते हुए मोदी अतिथि गृह गुजरात भवन में पहुंचे। यहां बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने उनका स्वागत किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कर प्रधानमंत्री मंदिर के सभामंडप पहुंचे। यहां मंदिर के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा संपन्न की।  

लगभग 25 मिनट की पूजा -अर्चना के बाद प्रधानमंत्री सिंह द्वार से बाहर आए। श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने पीएम को बदरीनाथ का प्रतीक चिह्न और चौलाई के लड्डू व भोजपत्र पर लिखा अभिनंदन पत्र भेंट किया। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल ने उन्हें शॉल भेंट किया। मंदिर से बाहर निकलते ही प्रधानमंत्री मोदी को देख उपस्थित लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। इस पर उन्होंने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। बद्रीनाथ के दर्शन के बाद पीएम मोदी फिर वापस गुजरात भवन में पहुंचे। जहां से वे वापस जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे।

  • प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री से किया अपने अनुभवों को साझा 
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री को  धामों को लेकर कई अहम सुझाव दिये

देहरादून : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ के दो दिवसीय दौरे के उपरान्त रविवार को जौलीग्राण्ट एयरपोर्ट पहुंचे। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह व डीजीपी श्री अनिल कुमार रतूड़ी ने जौलीग्राण्ट हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री को विदाई दी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केदारनाथ में पूजा-अर्चना की व पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। रविवार सुबह प्रधानमंत्री ने केदारनाथ-ध्यान गुफा में 17 घण्टे साधना के पश्चात पूजा अर्चना की। इसके उपरान्त प्रधानमंत्री ने श्री बदरीनाथ में भी पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति पर राज्य सरकार को शाबाशी दी है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हुए हैं। जिसे उन्होंने सराहा है। प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री से अपने अनुभवों को साझा किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ के अवशेष बीस प्रतिशत पुनर्निर्माण कार्यों को भी जल्द पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। केदारनाथ व बदरीनाथ में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई अहम सुझाव भी दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के समय-समय पर उत्तराखण्ड आगमन से प्रदेश में तीर्थाटन व पर्यटन में तेजी से वृद्धि हुई है। उनके इस दौरे के बाद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

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