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तो क्या अनुसूचित जाति विरोधी हैं कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह !

  • अ.जा. प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल की चिट्ठी हुई सार्वजानिक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के कई दिनों बाद भी कांग्रेस में घमासान जारी है। एक तरफ पार्टी में टिकट की नाराजगी से इस्तीफे हो रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी नेताओं के खिलाफ चिट्ठियों का दौर भी जारी है। फिलहाल कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल की एक चिट्ठी सार्वजानिक हुयी है जिसमे प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर अनुसूचित जाति विरोधी होने का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस में नाराजगी को पत्र के जरिये दर्ज कराने की पुरानी परम्परा रही है और इन पत्रों के सार्वजनिक होने का भी पुराना इतिहास रहा है। इस बार पत्र निकाय चुनाव के दौरान सार्वजनिक हुआ है और इसमें सीधे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को ही निशाना बनाकर उन्हें अनुसूचित जाति विरोधी बताया गया है। ख़ास बात तो ये है कि खुद कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने ही इस आरोप को लगाया है और इसकी शिकायत पत्र के जरिये न केवल अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रिय अध्यक्ष को की गयी है बल्कि खुद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भी पत्र लिखकर उनके दुर्व्यवहार की बात कही गयी है।
खबर है की पार्टी में टिकट बंटवारे के खिलाफ इस्तीफों के साथ ही कई पत्र भी लिखे गए हैं और राष्ट्रीय  नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की शिकायत कर टिकट बंटवारे में गड़बड़ी की बात कही गयी है। बहरहाल पहला पत्र सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने मामले पर चुप्पी साध ली है  पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने मामले को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है। 
पत्र में टिकट को लेकर नाराजगी तो है ही साथ ही अनुसूचित जाति के कार्यक्रमों में प्रदेश अध्यक्ष की रूचि नहीं होने की भी बात कही गयी है। यही नहीं जाति के लोगों को तरजीह न देकर अनदेखी करने की भी बात कही गयी है लेकिन अनुशासन समिति के अध्यक्ष मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं।  हालाकिं उन्होंने माना की उन्हें भी इसकी शिकायत प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ हो चुकी है लेकिन वो कार्रवाई करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। 

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