ENTERTAINMENT

पहाड़ की आवाज बनता नवोदित गीतकार मृणाल 

  • चार साल की छोटी उम्र से गीत गुनगुनाने लगा था मृणाल 
  • मृणाल को वायस ऑफ गढ़वाल के खिताब से किया गया है सम्मानित
  • ”हुस्न पहाड़ों के”गीत को यू ट्यूब पर मिल चुके हैं 25000 से अधिक हिट्स 
देवभूमि मीडिया मनोरंजन डेस्क 
देहरादून। उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां के लोग हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं वह चाहे इंजीनियरिंग के क्षेत्र की बात हो मेडिकल क्षेत्र की बात हो य सेना में अपनी बहादुरी दिखाने की बात हो या फिर गीत संगीत के क्षेत्र में अपने सुरों से पहाड़ की तस्वीर उकेरने की बात हो, यहां के लोग बहुत आगे रहे हैं। इसी कड़ी में एक नया नाम है गैरसैण क्षेत्र के निवासी मृणाल रतूड़ी का। 
शिक्षक दंपति सत्य प्रकाश रतूड़ी व पुष्पा रतूड़ी का यह बेटा जहां पढ़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन करता रहा है वहीं गीत संगीत के क्षेत्र में तेजी से उभरता एक ऐसा कलाकार है, जो आने वाले दिनों में उत्तराखंड की आवाज बनने का मादा रखता है। उसका गढ़वाली के साथ ही कुमाऊंनी वह हिंदी और पंजाबी पर भी कमांड है। 
गैरसैण से स्कूलिंग करने वाला मृणाल उच्च शिक्षा के लिए घुडदौड़ी इंजीनियरिंग कालेज पहुंचा तो जरूर मगर  उसका दिल तो संगीत के लिए धड़क रहा था। इसलिए इंजीनियरिंग की पढाई छोड़ कर गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर पहुंच गया। जहां वो गीत संगीत के अपने शौक को तो निखार ही रहा है पढाई भी पूरी कर  रहा है। स्नातक अंतिम वर्ष में अध्ययन रत मृणाल चार साल की छोटी उम्र से गीत गुनगुनाने लगा था। 
2008 में झूमिगो (ई टीवी) में फाइनलिस्ट रहने के हाथ ही  2014 में सुर ताल संग्राम में सेमीफाइनलिस्ट भी रहा। वर्ष 2017 संगीत की एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में उसे वायस ऑफ गढ़वाल के खिलाब से सम्मानित किया गया। इसी अगस्त में उसने दीपा धामी के साथ एक बहुत ही सुरीला और शानदार पहाड़ी- हिंदी मेसअप गीत रिकार्ड किया है। जिसको काफी सराहा जा रहा है। सितंबर में उसने मरदी पछ्याणं शीर्षक से पलायन के मुद्दे पर और गीत गया है। मृणाल का ताजा गीत इसी 15 अक्टूबर को “लस्का ढस्का” के टाइटिल से रिलीज हो गया है जो शादी पार्टी के परपज़ का गढवाली डीजे है। 
मृणाल भविष्य में गढ़वाली कुमाऊंनी के साथ साथ पंजाबी,  हिंदी व नेपाली गीतों की तर्ज पर गढ़वाली मिक्स गीतों की तैयारी कर रहा है। यूं ट्यूब पर हुस्न पहाड़ों के को 25000 से अधिक हिट्स मिल चुके हैं और मरदी पछ्याणं को बहुत सराहा जा रहा है। एक दिन पहले ही रिलीज हुए लसका ढसका का जादू पहले ही दिन से देखने को मिल रहा है।
मृणाल ने बताया कि चैनल मृणाल रतूड़ी (एसपी) पर एक साल में 1200 से अधिक लोग जुड़े हैं और एक लाख के करीब व्यूवर्स भी बने। इस नवोदित कलाकार में इंसानियत भी कूट कूट कर भरी है।  मृदु भाषी वो मिलनसार होने के साथ ही वह दूसरे की सहायता करने के लिए भी तत्पर रहता है। पलायन पर हमेशा चिंतित रहने के साथ ही अपनी संस्कृति को संजोए रखना के लिए काम करने की चाहत रखने वाला मृणाल ( घर का नाम लक्की) अपने गीतों की ड्राफ्टिंग भी खुद ही करता है।  साथियों मे बहुत प्रिय अध्यापकों का चहेता लक्की हाई स्कूल ८६ व इण्टर में ८४% अंक हासिल कर प्रतिभाशाली होने का प्रमाण दे चुका है। 

devbhoomimedia

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