- रामलीला मैदान में शुरू हुआ प्रवासी उत्तराखंडियों का ”कौथिग”
- कौथिग 2019 का मंच मां नंदा की थीम पर है समर्पित
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नवी मुंबई : सालभर से मुंबई में आयोजित होने वाले उत्तराखंडियों के जमावड़े का त्यौहार ”कौथिग” का इंतज़ार ख़त्म हुआ, ”जय भगवती नंदा, नंदा ऊंचा कैलाश की जय ”…के जयघोष और उत्तराखंड की आराध्य देवी माँ नंदा के नवी मुंबई के रामलीला मैदान पर हज़ारों उत्तराखंडियों के बीच आह्वान के साथ ”कौथिग फाउंडेशन’ द्वारा बीते 11 सालों से आयोजित किये जाने वाले उत्तराखंडियों का महाकुम्भ 12 वें वर्ष में प्रवेश कर गया।
कौथिग के आगाज़ के दिन की शुरुआत मां नंदादेवी राजजात की शोभायात्रा से हुई जिसे जिसे नवी मुंबई के नेरुल इलाके का हर कोना उत्तराखंडी संस्कृति और भक्तिभावना से ओतप्रोत हो गया। महाराष्ट्र की धरती पर उत्तराखंडी वाद्ययंत्रों को धुनपर नाचते उत्तराखंडी समाज के लोगों की शोभायात्रा में छलिया कलाकारों के पथ नृत्य, उत्तराखंड से आए डोल नगाड़ों रणसिंगा की गूंज से कौथिग प्रांगण गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम का शुभारम्भ नवी मुंबई के पुलिस उपायुक्त डॉ. सुधाकर पठारे व नवी मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कौशिक, कौथिग फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. योगेश्वर शर्मा व उद्योगपति वासुदेव सेमवाल ने किया।
वहीं सायं कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंडी संस्कृति और पौराणिक संस्कारों से सराबोर नवी मुंबई की धरती पर पहली सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों द्वारा भगवान गणपति के आव्हान ”दैणा होइया खोली का गणेश और मोरी का नारेण” से शुरू हो गया जो 27 जनवरी तक चलेगा। वहीं गायक सुरेश काला द्वारा ”जय भगवती नंदा, नंदा ऊंचा कैलाश की जय ” गाने के साथ ”कौथिग 2019” का सपना साकार हो उठा और मैदान में बैठे हजारों दर्शकों ने मां नंदा की यात्रा में डूबकर खूब गोते लगाए। उत्तराखंड के देवी देवताओं के आव्हान और उत्तराखंडी समाज को कुशल रखने के वैदिक मंत्रोचार के बाद गीत संगीत का सफर शुरू हुआ जिसमें वाइस ऑफ इंडिया की नन्हीं गायिका सृष्टि रावत, उत्तराखंड से आए महेंद्र नेगी, सुरेंद्र रावत कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं जिसे दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।
इस अवसर पर कौथिग फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष सुशील कुमार जोशी, संयोजक केशर सिंह बिष्ट, महासचिव तरुण चौहान, रूपलाल, रणजीत बिष्ट, राजेन्द्र रावत, दिनेश बिष्ट, महिपाल नेगी, मनोज भट्ट, प्रवीण ठाकुर, गोविंद आर्य, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, दीपक भट्ट, प्रकाश चंद, बलवंत पंवार लक्ष्मण नेगी, विनोद भट्ट, जसवंत बिष्ट सहित कई लोग उपस्थित थे।
मुंबई कौथिग का प्रांगण हर बार कुछ नयापन लिए होता है जो प्रवासियों की जड़ों को उनकी अपनी मातृभूमि उत्तराखंड से जुड़े रहने का अहसास तो कराती ही है वहीं मराठा की वीरभूमि को उत्तराखंड के रणबांकुरों की भूमि से भी जोड़े रखने का अहसास दिलाती है। पिछले 12 सालों से यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को यहाँ पहुंचकर नयेपन का अहसास होता है वहीँ वह अपने को अपनी भूमि से भी जुड़ा पाता है। इस बार का मंच मां नंदा राजजात की झांकी को साकार करता नज़र आ रहा है। इतना ही नहीं समूचे कौथिग प्रांगण को नंदा राजजात की जीवंत तस्वीरों से ऐसे सजाया गया है जैसे नंदा राजजात के दौरान वेदनी बुग्याल से लेकर होमकुंड तक हमारे सामने आ गए हों।