Uttarakhand

हाई कोर्ट ने पूछा : पांच बाघों की खालों मामले में अधिकारियों के खिलाफ क्या हुई कार्रवाही

  • वन गूर्जरों को नया संशोधित नोटिस जारी कर हटाने के निर्देश
  • हाथियों को अवैध ढंग से रखने के मामले में एसएसपी नैनीताल को निर्देश
  • फारेस्ट गार्ड के बजाय पूर्व सैनिकों को भर्ती करने के निर्देश 

कमल जगाती
नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कॉर्बेट पार्क के अंदर वनभूमि पर रह रहे वन गूर्जरों को नया संशोधित नोटिस जारी कर हटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने 17 दिसंबर से मार्च 18 तक देश के विभिन्न हिस्सों में मिली बाघ की पांच खालों का ताल्लुक रामनगर से होने व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने पर अपर मुख्य सचिव से छह दिन में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही न्यायालय ने जांच सी.बी.आई.को देने की बात भी कही है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति रामनगर की जनहित याचिका में अनिल बलूनी के प्रार्थना पत्र, जिसमें कार्बेट पार्क के बफर जोन से वन गुर्जरों को हटाने व बाघों के संरक्षण की अपील की गयी थी कि सुनवाई के दौरान राज्य के अपर मुख्य सचिव रणबीर सिंह ने शपथ पत्र पेश कर 11 अगस्त को पारित आदेशों के क्रियान्वयन की जानकारी दी । वन गूर्जरों को हटाने के संदर्भ में कार्बेट पार्क के निर्देशक की ओर से वन गूर्जरों को दिये गए नोटिस पर हाईकोर्ट ने असंतोष व्यक्त करते हुए नया नोटिस जारी करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि वन विभाग ने नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश का आर्डर का जिक्र क्यों किया और अतिक्रमणकारियों को वन भूमि खाली करने के लिये इतना समय क्यों दिया गया ? उनके द्वारा वन भूमि खाली करने पर एक ही परिवार के दस या उससे अधिक लोगों को दस दस लाख रूपये का मुआवजा देने या दो एकड़ भूमि देने का प्रस्ताव क्यों रखा गया है जबकि सरकार उनको अपने शपथपत्र में अतिक्रमणकारी मान रही है। कोर्ट ने इस मामले में झिरना और ढेला रेंज के रेंजरों की कार्यप्रणाली को संधिग्ध मानते हुए उन्हें निलंबित करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने जिम कार्बेट पार्क के निदेशक राहुल से वन गुर्जरों की अतिक्रमित भूमि का मौका मुआयना करने को कहा है।

खंडपीठ ने पांच बाघों की खालों के मामले में जांच में दोषी पाये गये अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय एस.आई.टी.गठित करने पर असंतोष व्यक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की है ? न्यायालय ने पूछा है कि, नही तो इस मामले को जांच के लिये सी.बी.आई. को सौंप देगी। रामनगर वन प्रभाग की डी.एफ.ओ.ने बताया कि कब्जे में लिये गये हाथी अभी पूर्ण स्वस्थ नहीं हैं। उनका उपचार चल रहा है और उनके खाने पीने व रहने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कोर्ट ने हाथियों को अवैध ढंग से रखने के मामले में दर्ज मुकदमों की शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश एस.एस.पी.नैनीताल को दिये हैं और प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।

स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के संदर्भ में कॉर्बेट पार्क के निदेशक ने बताया कि विभाग ने 83 फारेस्ट गार्ड की प्रतिनियुक्ति कर ली है जिसपर न्यायालय ने फारेस्ट गार्ड के बजाय पूर्व सैनिकों को भर्ती करने को कहा है।

devbhoomimedia

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