सरकारी स्कूलों पर सरकार ने कियाआत्ममंथन शुरू !
- परीक्षाओं में अच्छा परिणाम न देने वाले शिक्षकों पर कठोर हुई सरकार
- खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों को किया जा रहा चिह्नित
- 30 से 50 फीसदी तक रिक्त पद वाले स्कूलों की मांगी है जानकारी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं में खराब परीक्षा परिणाम देने वाले सरकारी स्कूलों पर सरकार ने जहाँ आत्ममंथन शुरू कर दिया है वहीँ सूबे के सभी ऐसे विद्यालयों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो अच्छे और खराब परिणाम के लिए विभाग कि रडार पर हैं वहीँ खराब परिणाम वाले शिक्षकों को भी चिह्नित किया जा रहा है। इतना ही नहीं विभाग 30 से 50 फीसदी तक शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों कि जानकारी भी जुटाई का रही है वहीँ इसके बाद ऐसे सभी स्कूल और शिक्षकों पर भी इस बार गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे बोर्ड रिजल्ट और खराब प्रदर्शन की 11 जून को समीक्षा करने वाले हैं। सरकार कि चिंता यह है कि सालाना 50 अरब रुपये से ज्यादा का बजट खर्च करने बावजूद सरकारी स्कूलों के कमजोर प्रदर्शन की वजह से सरकार की काफी किरकिरी भी हुई है।जबकि सीमित संसाधनों में शिक्षा दे रही विद्या भारती और अशासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं वाले विद्यालयों के परिणाम सरकारी स्कूलों से अच्छे मिल रहे हैं।
एक जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्री ने बैठक से पहले शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से 14 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। इसमें 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले छात्र, 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले स्कूल, तीन साल से लगातार शून्य रिजल्ट देने वाले स्कूलों का ब्योरा मांगा गया है। वहीँ साथ ही जिन स्कूलों में 30 से 50 फीसदी तक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, उनकी भी जानकारी मंत्री ने तलब की है।
इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री समीक्षा बैठक को लेकर इस बार काफी कठोर रुख अपनाए हुए हैं उन्होंने इस बैठक कोएलकर जो आदेश जारी किये हैं उसके अनुसार सभी सीईओ को मीटिंग में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने की हिदायत दी गई है। वहीँ सीईओ को साफ़ कहा गया है वे पिछली बैठकों कि तरह इस बैठक में अपने प्रतिनिधि को नहीं भेज सकते ।
वहीँ शिक्षा मंत्री ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से 14 बिंदुओं पर जो रिपोर्ट मांगी हैउसके अनुसार उन्होंने 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले छात्र, 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले स्कूल, तीन साल से लगातार शून्य रिजल्ट देने वाले स्कूलों कि जानकारी नही मांगी है। वहीँ साथ ही जिन स्कूलों में 30 से 50 फीसदी तक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, उनकी सूची तलब की गई है।
इस बैठक के बारे में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट की समीक्षा इसलिए की जा रही है, जिससे भविष्य के लिए बेहतर प्रयास किए जा सकें। उन्होंने बताया कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूल और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां प्राथमिकता से शिक्षकों की तैनाती होगी। जो शिक्षक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, सरकार उन्हें प्रोत्साहित भी करने जा रही है।