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राजभवन में बसंतोत्सव का शुभारंभ, बिखरे प्रकृति के खूबसूरत रंग

देहरादून । राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल ने आज राजभवन के हरित प्रांगण में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आयोजित चिरप्रतिक्षित दो दिवसीय बसंतोत्सव 2018 का उद्घाटन किया। प्रकृति के अद्भुत श्रृृंगार, फूलों के मनमोहक रंगों  तथा लोक संस्कृति के सुरीले स्वरों के बीच बसंतोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ। राज्यपाल ने डाक विभाग द्वारा तैयार प्रथम दिवस आवरण का भी विरूपण किया जिसमें औषधीय गुणों से सम्पन्न ‘जम्बू’ को चित्रित किया गया है। 
बसंतोत्सव का औपचारिक उद्घाटन करने के पश्चात् राज्यपाल ने सम्पूर्ण प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। राजभवन के इस वार्षिक आयोजन में 2015 से भागीदार बन रहे डाक विभाग द्वारा लगाई गई ‘डाक टिकट प्रदर्शनी’ का भी राज्यपाल ने उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में टिकट संग्रह के शौकीन राज्यपाल द्वारा संग्रहीत डाक टिकिट भी प्रदर्शित किये गए। इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों से राज्यपाल ने कहा कि बसन्तोत्सव केवल पुष्प उत्पादों की प्रदर्शनी नहीं बल्कि अब यह देहरादून का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन भी बन चुका है। इसमें व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ प्रकृति, संगीत, कला, सौंदर्य, मनोरंजन, खान-पान का आनंद उठा सकता है। 
राज्यपाल ने यह भी कहा कि परम्परागत कृषि का एक सबसे लाभकारी विकल्प होने के कारण उत्तराखण्ड में फूलों की खेती छोटे काश्तकारों के लिए आमदनी का एक बेहतरीन जरिया बनने के साथ ही रोजगार का माध्यम भी बन सकती है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष बड़ी तादात में हुए पुष्पोत्पादन ने इस क्षेत्र में विकास की असीम सम्भावनाएं जागृत कर दी हैं। प्रदेश में फूलों की खेती का बढ़ता क्षेत्रफल बहुत अच्छे संकेत हैं। ट्यूलिप जैसे कीमती फूलों की खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है। राजभवन में प्रायोगिक तौर पर विगत वर्ष से लगाये गये ट्यूलिप के बल्ब्स सेे निकले फूलों ने इसकी सफल खेती के अच्छे संकेत दिए हैं। 
राज्यपाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता में आए बच्चों की अभूतपूर्व प्रतिभागिता देखकर कहा कि इस आयोजन के प्रति बच्चों में भी उत्साह बढ़ रहा है इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इनमें शारीरिक, मानसिक रूप से अशक्त तथा अपवंचित वर्ग के बच्चों सहित विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों को चित्रकला प्रतियोगिता के अन्तर्गत रंग और तूलिका के माध्यम से अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कर प्रतिभा प्रदर्शन का मौका दिया गया। 
इस वर्ष की विभिन्न वर्गों में लगभग 1850 प्रविष्टियां हुई हैं। जबकि विगत वर्ष 1581 प्रविष्टियां आई थीं। इनमें पुष्प प्रदर्शनी में व्यावसायिक पुष्प उत्पादकों, पुष्प प्रेमियों तथा विभिन्न शासकीय संस्थानों द्वारा प्रदर्शित जरबेरा, कारनेशन, ग्लैडोलियस, लिली जैसी कुछ प्रमुख प्रजाति के फूल “कट फ्लावर्स“, लोगों के आकर्षण का विशेष केन्द्र बने हुए हैं। प्रदर्शनी में पौटेड प्लान्ट्स, फ्र्रैश/ड्राई फ्लावर अरेंजमेन्ट, माला, कैक्टस वैरायटी, वोन्साई व फल-सब्जियों के पौधों सहित अन्य कई तरह के उत्पादों का आकर्षक प्रदर्शन किया गया है। 
पुष्पों की विभिन्न प्रजातियों के अतिरिक्त इस वर्ष के बसन्तोत्सव में प्रमुख आकर्षण रहा आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा ‘‘जूडो-कराटे’’का उच्चस्तरीय प्रदर्शन रहा। जिसमें यौगिक शक्तियों के माध्यम से आत्मरक्षा के इस जोशीले एवं सशक्त कला-कौशल की तकनीक का हैरतंगेज प्रदर्शन किया गया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्तिकंुज की ’छात्र-छात्राओं द्वारा योगासनों का उत्कृष्ट प्रदर्शन तथा गोरखा रेजिमेंन्ट के जवानों का खुखरी नृत्य भी सबके आकर्षण का केन्द्र बना। प्रदर्शनी में उद्यान तथा कृषि से जुड़े व्यवसायों से सम्बन्धित उन्नत किस्म की तकनीक से निर्मित यंत्र, सामग्री, बीज/उपकरण आदि के स्टाॅल लगाये गये हैं। उद्घाटन के अवसर पर शासन-प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

devbhoomimedia

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