Uttarakhand
गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर देहरादून में निकला मौन जुलूस
- इन्द्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राजधानी बनाने की शपथ
- प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जोर
प्रदीप सती
देहरादून : उत्तराखंड राज्य आंदोलन के अगुआ और जन-जन के बीच पर्वतीय गांधी के नाम से जाने जाने वाले इंद्रमणि बडोनी की जयंती के अवसर पर रविवार को देहरादून में ‘गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के समर्थन में मौन जुलूस’ निकला गया। मौन जुलूस में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भागीदारी की जिनमे सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की थी। गांधी पार्क से शुरू हुआ मौन जुलूस पहले घंटाघर स्थित बडोनी की प्रतिमास्थल पहुंचा जहां जुलूस में शामिल लोगों ने बडोनी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। इसके बाद सभी ने उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों के सपने के अनुरूप गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाने की शपथ ली।
इसके बाद मौन जुलूस कचहरी स्थित शहीद स्थल पहुंचा। जुलूस में शामिल लोगों ने राज्य आंदोलन के शहीदों के चित्रों पर फूल चढ़ाए और गैरसैंण के पक्ष में नारे लगाए। शहीदस्थल में एक गोष्ठी भी आयोजित की गई। सभी वक्ताओं ने गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि राज्य आंदोलन के वक्त से ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकारों ने इस मुद्दे को उलझाए रखा। इस मौके पर आगे की रणनीति तैयार किए जाने की बात करते हुए वक्ताओं ने कहा कि, वर्तमान में प्रदेश में प्रचंड बहुमत की सरकार है और केंद्र में भी समान दल सत्ता में है, ऐसे में डबल इंजन वाली सरकार के पास स्थाई राजधानी घोषित न करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए और यदि सरकार अभी भी स्थाई राजधानी के सवाल को हल नहीं करती तो प्रदेशभर में विशाल जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की स्थाई राजधानी का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को भी देहरादून में बड़ा प्रदर्शन हुआ। ‘गैरसैंण राजधानी अभियान’ के तहत सैकड़ों आम लोगों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक जन-जागरण रैली निकाली। गैरसैंण को राजधानी घोषित किए जाने की मांग करते हुए ‘गैरसैंण विरोधी विचार’ का पुतला भी जलाया गया।