गैरसैंण ही बने जनभावनाओं के अनुरूप राजधानी : विधानसभा अध्यक्ष
मसूरी : प्रचंड बहुमत वाली प्रदेश सरकार में भले ही मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्री सूबे की स्थायी राजधानी पर अपने मुंह बंद रखे हुए हैं लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ़ -साफ़ कहा कि जनता की भावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली मौजूदा भाजपा सरकार को राजधानी के मुद्दे पर जल्द ही यह ऐतिहासिक निर्णय लेना चाहिए।
यहाँ एक निजी समारोह में शामिल होने मसूरी पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश की वर्तमान सरकार के कामकाज पर संतोष जतायाऔर कहा कि प्रदेश में पहली बार जनता को पारदर्शी सरकार मिली है और सरकार घोषणाएं करने के बजाय जमीन पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रदेश की जनता राज्य बनने के बाद से गैरसैंण को ही राजधानी के रूप में देखना चाहती है और उनका मानना भी है कि गैरसैंण को ही प्रदेश की स्थायी राजधानी बनाया जाना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा सरकार के कामकाज पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से की गई टिप्पणी पर कहा कि हरीश रावत एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं और केंद्र में मंत्री रहने के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं वे सब जानते हैं लिहाज़ा मेरा कहना उचित नहीं ।
उन्होंने कहा वरिष्ठ नेता को सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करने से पहले उन्हें मौजूदा सरकार को एक साल का समय देना चाहिए ताकि सरकार की ओर से किए जा रहे काम धरातल पर नजर आ सके। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, मीरा सकलानी, राजेंद्र रावत, वीरेंद्र राणा, गंभीर सिंह आदि उपस्थित थे।