Uttarakhand

पर्वतीय जिलों में असमान लिंगानुपात पर संघ ने की चिंता व्यक्त 

संघ ने मुख्यमंत्री को दिए कई सुझाव 

हरिद्वार जिले के कटारपुर गांव को गौ-तीर्थ के रूप में विकसित करने का सुझाव

दिनेश सेमवाल 

देहरादून : बुधवार को देहरादून में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचार परिवार की बैठक में उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से अनेक बहुमूल्य सुझाव मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र रावत को दिए गए। 

ज्ञात हो की सामाजिक जीवन के सभी क्षेत्रों में संघ विचार से प्रेरणा लेकर चलने वाले विभिन्न संगठनों विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विद्या भारती, राष्ट्र सेविका समिति, संस्कृत भारती, क्रीडा भारती, विज्ञान भारती, हिंदू जागरण मंच, वनवासी कल्याण आश्रम, भारत विलास परिषद के प्रतिनिधियों ने शिक्षा में सुधार, चिकित्सा सेवा में सुधार, तीर्थाटन एवं पर्यटन के विकास, रोजगार, पलायन, कृषि आदि विषयों पर सरकार के स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर करने वाले कार्यो की ओर सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। सुझावों की श्रंखला में उत्तराखण्ड के कुछ जिलों जैसे पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली आदि में असमान लिंगानुपात पर चिंता प्रकट की गई।

केदारनाथ सहित चारधामों तथा अन्य तीर्थ स्थलों एवं पर्यटन स्थलों के विकास पर सम्यक कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया गया। कांवड़ यात्रा को कुंभ मेला एवं अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर यात्रा को व्यवस्थित करने हेतु यात्रा मार्ग निर्धारित करने, बोर्ड का गठन, कांवड़ियों के लिए आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु भी कई सुझाव दिए गए।

ज्ञात हो कि इस वर्ष विभिन्न प्रांतों से 4 करोड़ कांवड़ यात्रियों का उत्तराखण्ड आगमन हुआ था। खेलकूद को प्रोत्साहित करने हेतु नौकरियों में स्पोर्टस कोटा निश्चित करने, मुफ्त यात्रा की सुविधा, राष्ट्रीय स्तर पर खेलों का आयोजन कराने की मांग की गई। गौ संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौ चर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने, कांजी हाउस जो बंद है उसे पुनः शुरू करने, बजट में वृद्धि करने का सुझाव दिया गया।

हरिद्वार जिले के कटारपुर गांव को गौ-तीर्थ के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। ज्ञात हो कि वर्ष 1918 में गौ हत्या के विरोध में उस गांव के अनेक हिंदू अंग्रेजों व मुस्लिम समुदाय के द्वारा मारे गए थे। इस कांड में चार व्यक्तियों को फांसी, 130 लोगों को काला पानी की सजा तथा कई लोगों को दस-दस वर्ष की सजा हुई थी।

शिक्षण संस्थाओं के बुनियादी ढ़ांचे को ठीक करने तथा शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर भी जोर दिया गया। वोट की राजनीति के कारण पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू किए गए संसाधनहिन डिग्री कॉलेजों की दुर्दशा पर भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया गया। एक पत्रकारिता महाविद्यालय की प्रदेश में शुरु करने की मांग की गई। इस साथ ही संस्कृत को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा घोषित की जा चुकी है। परन्तु संस्कृत को द्वितीय राजभाषा के अनुरूप स्थान नहीं मिल पाया है। संस्कृत के संवर्धन पर विशेष बल दिया गया।

बैठक में विशेष रुप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले, डाॅ.कृष्णा गोपाल तथा क्षेत्र प्रचारक आलोक पूरे समय उपस्थित रहे। सरकार के प्रतिनिधि के रुप में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अतिरिक्त सतपाल जी महाराज, अरविंद पांडे एवं डाॅ.धन सिंह रावत उपस्थित रहे। भाजपा संगठन की ओर से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री रामलाल, सह संगठन मंत्री श्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपाश्री श्याम श्याम(प्रदेश प्रभारी,उत्तराखण्ड)प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट बैठक में उपस्थित थे। अंत में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र रावत ने सभी प्रतिनिधियों को चाय, जलपान पर आमंत्रित किया तथा सभी सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन भी दिया।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »