मेरी मातृ भूमि मेरे सांसों में बसती है : रॉ प्रमुख

कोटद्वार : यह अपनी जड़ों और अपनी मिट्टी से जुड़ाव का ही तो अहसास है जोकि देश की गुप्तचर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना को अपने गांव की तरफ खींच लाती है। प्रसिद्ध श्री ताड़केश्वर धाम पहुंचे धस्माना ने पूजा-अर्चना की, उन्होंने अपने कुल देवता की पूजा-अर्चना की और फिर अपने पैतृक गांव तोली के निवासियों से नाते-रिश्तेदारों के साथ ही क्षेत्र के हालचाल पूछे। उन्होंने यह वादा भी किया कि समय मिलते ही वह गांव आएंगे। बाद में कोटद्वार में उन्होंने कहा कि मातृ भूमि तो उनके सांसों में बसती है और उसका मोह वह कभी नहीं छोड़ पाएंगे।
रॉ प्रमुख धस्माना सपत्नीक श्री ताड़केश्वर धाम पूजा-अर्चना को पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने वार्षिक पूजा की तैयारियों के सिलसिले में पहुंचे अपने पैतृक गांव तोली के निवासियों के बीच कुछ वक्त बिताया। बातचीत के दौरान तब भावुक मोड़ आया, जब लोगों ने गांव चलने को कहा। इस पर धस्माना ने समय न होने का हवाला दिया और कहा कि वक्त मिलते ही वह परिवार सहित जरूर आएंगे। उनसे विदा लेने के बाद वह जयहरीखाल गए और रिश्तेदारों से मुलाकात भी की।
कोटद्वार में धस्माना ने प्रसिद्ध श्री सिद्धबली मंदिर में सिद्धबाबा के दर्शन किए। इस दरम्यान उन्होंने कहा कि गढ़वाल के विकास के लिए उनके स्तर से जो भी संभव प्रयास होंगे किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सतपुली के पास तल्ला बदलपुर के तोली गांव के बेटे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनिल धस्माना को केंद्र सरकार ने 31 जनवरी 2017 में रॉ चीफ बनाया था।1981 बैच के आईपीएस कैडर के अधिकारी रह चुके अनिल धस्मान बलूचिस्तान मामला, काउंटर आतंकवाद और इलामिक अफेयर्स के एक्सपर्ट हैं। साथ ही अनिल धस्माना को पाकिस्तान और अफगानिस्तान मामलों में अनुभवी हैं।