Uttarakhand

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की अनुमति अभी नहीं

देहरादून : केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को फिलहाल हेलीकॉप्टर सेवा की सुविधा नहीं मिल पाएगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने प्रदेश सरकार को केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा करने की अनुमति नहीं दी है।

डीजीसीए ने प्रदेश सरकार ने पूछा है कि केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा के लिए जो शर्ते निर्धारित की गई हैं, ऑपरेटर उसका पालन कैसे करेंगे। इससे तो एविएशन लॉ का उल्लंघन होगा। प्रदेश सरकार निर्धारित मानदंडों में बदलाव करे।

यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा पिछले कुछ सालों से शुरू गई है। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) की ओर से इस साल 14 आपरेटरों को हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की अनुमति दी गई है।

बुधवार से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी भी थी। लेकिन, इसके लिए डीजीसीए की अनुमति अनिवार्य होती है। हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से डीजीसीए से अनुमति मांगी गई थी।

जानकारी के मुताबिक डीजीसीए ने केदारघाटी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की अनुमति देने से मना कर दिया है। वजह यह बताई गई है कि प्रदेश सरकार की ओर डीजीसीए को जो पत्र भेजा गया था, उसमें एनजीटी के प्रावधानों के मुताबिक अनुमति देने की बात कही गई थी।

एनजीटी ने क्या कहा….

डीजीसीए ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि केदारघाटी क्षेत्र में उड़ान भरने वाला हेलीकॉप्टर दो हजार फीट की ऊंचाई को लगातार कैसे बरकरार रखेगा। हेलीकॉप्टर से होने वाला शोर का स्तर 50 डेसिबल किस तरह से निर्धारित किया जाएगा।

जबकि आमतौर पर हेलीकॉप्टर के शोर का स्तर 80 से 85 डेसिबल के स्तर पर होता है। इन प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने केदारघाटी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की अनुमति देने से मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सोमवार की शाम शासन को डीजीसीए की ओर से भेजा गया मेल भी प्राप्त हो गया है, लेकिन अधिकारी इसकी जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।

एनजीटी ने 2015 में दिए गए अपने आदेश में कहा था कि पर्यावरण संवेदी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर की ऊंचाई, ध्वनि स्तर और अन्य चीजों पर गौर कर प्रदेश सरकार अपनी एविएशन पॉलिसी बनाए।

जानकारी के मुताबिक केदारघाटी क्षेत्र में हेलीकॉप्टरों की उड़ान की ऊंचाई दो हजार फीट और इससे होने वाला शोर का स्तर 50 डेसिबल निर्धारित किया गया है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में जो हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं उनसे होने वाले शोर का स्तर लगभग 80 से 85 डेसिबल निर्धारित किया गया है।

अपर सचिव नागरिक उड्डयन आर.राजेश कुमार  ने कहा कि केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए डीजीसीए से अनुमति मांगी गई थी। डीजीसीए द्वारा अनुमति देने से इंकार करने की आधिकारिक जानकारी हमारे पास नहीं आई है।

devbhoomimedia

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