इतिहास रचने वाला युवा: देवव्रत ने काशी में 50 दिन में पूरा किया 25 लाख पदों का वैदिक पारायण

उत्तराखंड।
25 लाख + पद, करोड़ों शब्द 50 दिन लगातार, बिना भूल-बिना ग्रंथ देखे 1000 वर्षों में सिर्फ दूसरी बार !
19 साल के देवव्रत महेश रेखे (अहिल्यानगर) ने काशी में ऐसा अद्भुत काम कर दिखाया है, जिसे सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद (माध्याग्नि शाखा) का दण्डक्रम पारायण बिना किसी गलती के पूरा किया, जो बेहद कठिन साधना मानी जाती है
इस पारायण में 25 लाख से ज़्यादा पद शामिल होते हैं और देवव्रत ने इसे लगातार 50 दिनों तक बिना रुके किया। सबसे बड़ी बात। उन्होंने मंत्रों का उच्चारण आगे और पीछे, दोनों तरह से एक जैसी गति और शुद्धता के साथ किया, जो बहुत कम विद्वानों में देखा जाता है।
इतनी कम उम्र में इतना बड़ा पारायण पूरा करना सच में ऐतिहासिक उपलब्धि है, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और काशी के विद्वानों ने उनकी एकाग्रता और वैदिक निष्ठा की खूब सराहना की है।


