उत्तराखंड में राजनीति ने पकड़ा ढोंग का मोड़ — जनता ने कसा शिकंजा

उत्तराखंड में राजनीति ने पकड़ा ढोंग का मोड़ — जनता ने कसा शिकंजा
उत्तराखंड में राजनीति अब काम से ज्यादा कैमरे पर नाचती नजर आ रही है। जनप्रतिनिधि अपने रोज़मर्रा के मूल कर्तव्यों को भी ऐसे वीडियो बनाकर पेश कर रहे हैं, जैसे जनता पर कोई एहसान कर रहे हों। जनता सवाल पूछ रही है — “ये काम तो तुम्हारी जिम्मेदारी है, दिखावा क्यों?”
सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर तुर्रमखान बनने की इस नई राजनीति ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया है। जनता का कहना है कि बिना काम के प्रचार करना सिर्फ नौटंकी है, सेवा नहीं।
मोटी तनख्वाह लेने वाले जनप्रतिनिधि यदि वीडियो बनाने में ही व्यस्त रहेंगे, तो विकास कौन करेगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की प्रचारवादी राजनीति लोकतंत्र का अपमान है, जहां काम का नहीं, कैमरे का महत्व बढ़ता जा रहा है। जनता खुलकर कह रही है—
“अब वीडियो नहीं, काम चाहिए”
“जिम्मेदारी चाहिए, अभिनय नहीं”
अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो जल्द ही अधिकारी भी अपने ‘दौरे’ के वीडियो जारी करेंगे — और फिर विकास सिर्फ फोन की स्क्रीन पर मिलेगा, ज़मीन पर नहीं।
जनता की चेतावनी साफ है:
“अब दिखावे की राजनीति नहीं चलेगी — जवाबदेही दो, वरना कुर्सी छोड़ो!”



