विशेष रिपोर्ट: उत्तराखंड की रजत जयंती: 25 साल में 11 मुख्यमंत्री! विकास या सत्ता का खेल?
Special Report: Uttarakhand's Silver Jubilee: 11 Chief Ministers in 25 Years! Development or Power Play?

अनीता राजेंद्र जोशी/देहरादून : उत्तराखंड आज अपने गठन के 25 वर्ष पूरे कर रहा है — एक ऐसा राज्य जो 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया था, जनता की अपेक्षाओं, संघर्षों और पहाड़ की अस्मिता के सपनों के साथ। लेकिन आज, जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो एक बड़ा सवाल खड़ा होता है — क्या इन 25 सालों में सच में उत्तराखंड विकसित हुआ, या सत्ता की कुर्सी ने जनता के सपनों को निगल लिया?
राज्य ने अब तक 11 मुख्यमंत्रियों को देखा है — जिनमें 6 बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और 3 बार कांग्रेस (INC) की सरकारें बनीं।
नीचे देखें, कौन कब सत्ता में रहा 👇
1. नित्यानंद स्वामी (2000-2001, BJP)
2. भगत सिंह कोश्यारी (2001-2002, BJP)
3. नारायण दत्त तिवारी (2002-2007, INC)
4. भुवन चंद्र खंडूरी (2007-2009, BJP)
5. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (2009-2011, BJP)
6. भुवन चंद्र खंडूरी (2011-2012, BJP)
7. विजय बहुगुणा (2012-2014, INC)
8. हरीश रावत (2014-2017, INC)
9. त्रिवेंद्र सिंह रावत (2017-2021, BJP)
10. तीरथ सिंह रावत (2021, BJP)
11. पुष्कर सिंह धामी (2021-वर्तमान, BJP)
🌄 जनता के सवाल:
क्या इन नेताओं ने पहाड़ की मूलभूत समस्याओं — स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, पलायन और सड़क संपर्क — को सच में प्राथमिकता दी?
क्या योजनाएं जनता तक पहुँचीं, या फ़ाइलों में ही धूल खाती रहीं?
किसने उत्तराखंड को आगे बढ़ाया, और किसने सिर्फ़ सत्ता की कुर्सी संभाली?
⚖️ जनमत की कसौटी
पिछले 25 वर्षों में कुछ योजनाओं ने राज्य का चेहरा बदला — सड़कों और पर्यटन में सुधार, चारधाम यात्रा का विस्तार, और धामी सरकार के तहत नीति-सुधारों पर काम।
लेकिन दूसरी ओर, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, पर्यावरणीय उपेक्षा और पलायन जैसे मुद्दे आज भी जस के तस हैं।
🗣️ अब बारी जनता की…
राज्य के युवा, किसान, शिक्षक और पलायनग्रस्त परिवार अब पूछ रहे हैं —
> “क्या हमारे पहाड़ का भविष्य सिर्फ़ नेताओं की राजनीति में खो गया?”
👉 आप क्या सोचते हैं?
इन 25 सालों में कौन मुख्यमंत्री ईमानदार रहा, किसने विकास किया, और किसने जनता को सिर्फ़ वादों में उलझाए रखा —
अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में दीजिए।……



