“हर फाइल के पीछे खड़ा एक इंसान…”काश, हर अधिकारी की सोच DM डॉ. राजेन्द्र पेसिया जैसी होती….

“हर फाइल के पीछे खड़ा एक इंसान…”
काश, हर अधिकारी की सोच DM डॉ. राजेन्द्र पेसिया जैसी होती।
उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के जिलाधिकारी डॉ. पेसिया की यह तस्वीर सिर्फ एक सरकारी अफसर की नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार संवेदनशीलता की मिसाल है। उनकी टेबल पर रखा एक वाक्य —
“हर फाइल के पीछे एक इंसान है” — सरकारी व्यवस्था को मानवीय दृष्टिकोण से देखने का साहसिक प्रतीक है।
जब अफसर अपनी कुर्सी को शक्ति का नहीं, सेवा का माध्यम मानने लगें, तब सिस्टम भी भरोसे और करुणा से भर उठता है। डॉ. पेसिया की सोच हमें याद दिलाती है कि प्रशासन अगर चाहे तो जनता की पीड़ा को समझ सकता है, और उसे केवल ‘फाइलों का बोझ’ मानने की भूल नहीं करेगा।
अगर हर अधिकारी यह मान ले कि “फाइल नहीं, इंसान निपटाना है”, तो दफ्तरों के बाहर लगी लंबी कतारें एक दिन इतिहास बन सकती हैं।
ईमानदारी कोई नीति नहीं, यह आत्मा की पहली सीढ़ी है। और इस सीढ़ी पर चढ़ने वाले अधिकारी ही असल में देश और समाज को ऊपर उठाते हैं।