मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुमका के साथ की बैठक, पर्वतीय क्षेत्रों में भी बनेंगे प्रधानमंत्री आवास

मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुमका के साथ की बैठक, पर्वतीय क्षेत्रों में भी बनेंगे प्रधानमंत्री आवास
देहरादून 07 मार्च 2025 ।
आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुमका के साथ बैठक की। बैठक में
डॉ अग्रवाल ने बताया कि आवास विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू किये जाने हेतु उत्तराखण्ड आवास नीति 2025 में विशेष प्राविधान किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में आवास नीति राज्य में पहली बार लागू की गयी। इस नीति में मैदानी जिलों में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों द्वारा आवास विकास परिषद् की प्रधानमंत्री आवास योजनायें बनायी गयी, किन्तु पर्वतीय क्षेत्रों में इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो सका।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि आवास नीति 2025 तैयार की गयी, जिसे कैबिनेट के अनुमोदनोपरान्त राज्य में लागू किया गया है। बताया कि इस योजना में जहाँ मैदानी क्षेत्रों में लाभार्थी अनुदान राशि राज्य सरकार द्वारा रू० 1.50 लाख से बढ़ाकर रू0 2.00 लाख किया गया है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली के अन्तर्गत बनाये जाने वाले आवासों हेतु अनुदान राशि रू0 3.00 लाख रखा गया है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि बाखली शैली उत्तराखण्ड की पारम्परिक भवन निर्माण शैली है, जिसके तहत गाँव के निवासियों द्वारा अपने आवास एक साथ एक पंक्ति में Row Housing के रूप में बनाते थे। कालान्तर में पर्वतीय क्षेत्रों में भी पारम्परिक शैली से हटकर अपनी-अपनी भूमि पर निवासियों द्वारा पृथक-पृथक घर बनाये जाने लगे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि आवास विभाग द्वारा पारम्परिक भवन निर्माण शैली “बाखली” को प्रोत्साहन देने हेतु विशेष छूट की व्यवस्था की गयी है। इस तरह के निर्माण पर्वतीय क्षेत्रों में मार्गों की कठिनाई को देखते हुए न्यूनतम 2.0 मीटर के पहुँच मार्ग पर भी बनाये जा सकेंगे। इस तरह के भवन निर्माण से स्थानीय निवासियों को एक ही स्थल पर बिजली, पानी, सीवरेज आदि की व्यवस्था आसानी से सुलभ करायी जा सकेगी। वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में रू0 3.00 लाख का अनुदान प्रति लाभार्थी की दर से प्रदान किया जायेगा।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्यान्तर्गत दुर्बल आय वर्ग पर विशेष ध्यान केन्द्रीत करते हुए आवास विभाग द्वारा आय सीमा को रू0 3.00 लाख से बढाकर 5.00 लाख के रूप में किया गया है तथा अनुदान की राशि को भी सामान्य निर्माणों हेतु रू0 2.00 लाख तथा बाखली शैली हेतु 3.00 लाख किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा रू0 2.25 लाख का अनुदान दिया जायेगा।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड आवास नीति 2025 के लागू हो जाने से राज्यान्तर्गत दुर्बल आय वर्ग के निवासियों का आवास का सपना साकार करना आवास विभाग का दृढ़ संकल्प है।