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हिन्दी भाषा सामजिक एवं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ बनाती हैं- अशोक बुवानीवाला

हिन्दी भाषा सामजिक एवं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ बनाती हैं- अशोक बुवानीवाला

उत्तराखंड : हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका केवल साहित्यिक या सांस्कृतिक संदर्भ में ही नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को भी सुदृढ़ करती है ये बात आज आदर्श महिला महाविद्यालय के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में, हिंदी एक ऐसा साझा माध्यम है जो विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के बीच समझ और संवाद का पुल तैयार करता है।

बुवानीवाला ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमें अपनी भाषा की पहचान बनाए रखनी चाहिए और इससे न केवल अपने घरों में, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें छात्राओं को हिंदी की महत्ता समझानी चाहिए और उन्हें इसके प्रति प्यार और सम्मान सिखाना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबधंक समिति सदस्य विजय किशन धारेडू वाले ने की और कहा कि भारत विभिन्नताओं का देश हैं। यहा पग-पग पर विभिन्ताएं देखने को मिलती हैं केवल हिन्दी भाषा ही विभिन्ताओ को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य कर रही हैं।

इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. अलका मित्तल ने कहा कि हिन्दी आत्मीयता की भाषा हैं। आज भारत के अलावा 200 अन्य विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा पढाई जाती है, जो हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय हैं महाविद्यालय में हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर स्लोगन लेखन एवं कविता पाठ प्रतियोगिता करवाई गई जिसमें लगभग 50 छात्राओं ने हिन्दी भाषा को सम्मान देते हुए अपनी प्रस्तुति दी।

कविता पाठ में प्रथम स्थान रवीना, द्वितीय स्थान संगीता शर्मा, तृतीय स्थान ट्विंकल और सांत्वना पुरस्कार रूचिका को दिया। स्लोगन लेखन में प्रथम स्थान केनु द्वितीय स्थान प्रिया तृतीय स्थान नैंसी व सांत्वना पुरस्कार विनय को दिया। कार्यक्रम संयोजक हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. रमाकांत शर्मा व हिन्दी विभाग से डॉ ममता चौधरी, कविता भारद्वाज, कविता नंदा व अन्य प्राध्यापक गण समारोह में उपस्थित रहे।

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