CRIME

पुलिस ने किया अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी मालिक ईश्वरन के घर में लूट का खुलासा, पांच गिरफ्तार

आरपी ईश्वरन ने पुलिस टीम को 1.51 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा

बीएसएफ से बर्खास्त अधिकारी भी था डकैती में शामिल 

एक सरकारी अधिकारी के घर पहले भी डाल चुके थे विजयपार्क में डाका 

एक करोड़ 31 लाख रुपये कैश मिले थे लेकिन किसी ने नहीं लिखाई रिपोर्ट 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

पुलिस ने  आरोपियों के पास से 11 लाख 69 हजार 5 सौ रुपये, गणेश जी की पीली धातु की बड़ी मूर्ति, सफेद धातु की ट्रे, सफेद धातु का ग्लास, गणेश जी की मूर्ति सफेद धातु, लक्ष्मी जी की मूर्ति सफेद धातु, गले की चैन मय लौकेट सफेद धातु , स्पिंन्टल बहुमूल्य आभूषण, गाड़ी ई को स्पोर्टस DL12 CJ 7546 और मोटर साईकिल प्लसर बरामद की गई है। 

देहरादून: राजपुर थाना पुलिस ने अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के मालिक ईश्वरन के घर डकैती डालने वाले पांच डकैतों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन आरोपी फरार हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 लाख की 69 हजार रुपये की नगदी और ज्वेलरी बरामद की है। आरोपियों में शामिल मुख्य आरोपी वीरेंद्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब जो बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट पद से बर्खास्त हुआ था को भी मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार इस वारदात में कुल नौ बदमाश शामिल थे, इस आधार पर पुलिस ने राजपुर थाने में दर्ज एफआईआर को डकैती की धारा में बदल दिया है। वारदात में शामिल चार अन्य बदमाशों की तलाश में टीमें अभी दिल्ली, नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दबिश दे रही हैं। उम्मीद है की बाकि आरोपी भी जल्द पुलिस के कब्जे में होंगे। 

एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि गिरोह ने पुलिस से बचने के लिए वह सारे हथकंडे अपनाए थे, जिनसे पुलिस उन तक पहुंच सकती थी। इस वारदात की पूरी पटकथा मास्टरमाइंड वीरेंद्र ठाकुर निवासी छतरपुर थाना मैदान गढ़ी, दिल्ली ने तैयार की थी, जिसमें देहरादून और हरिद्वार के दो साथियों मुजिब्बुर रहमान उर्फ पीरू निवासी आजादनगर कॉलोनी व फुरकान निवासी अलावलपुर, भगवानपुर, हरिद्वार ने मदद की थी। पहले योजना शहर के एक नामी प्रॉपर्टी डीलर राकेश बत्ता के घर डाका डालने की बनाई गई थी। गैंग के सदस्य 22 सितंबर की सुबह ही देहरादून पहुंच गए। यहां पीरू व फुरकान ने दोनों को एक ठिकाने पर ठहराया। शाम करीब साढ़े पांच बजे वीरेंद्र अदनान, हैदर, फहीम व फिरोज को लेकर को बत्ता के घर पहुंचा। वीरेंद्र घर के बाहर ही रुक गया। चारों अंदर गए तो वहां कई लोग बैठे थे, जिसके चलते सभी उल्टे पांव लौट आए। तब वीरेंद्र ने बताया कि थोड़ी दूर पर जंगल के बीच एक मकान है। खाली हाथ लौटने के बजाय वहां काम किया जा सकता है। इसके बाद वीरेंद्र व उसके साथी रात करीब साढ़े आठ बजे मसूरी रोड पर मालसी स्थित आरपी ईश्वरन के घर पहुंचे और ईश्वरन दंपती, उनके दो नौकर और गार्ड को बंधक बनाकर करीब डेढ़ घंटे तक लूटपाट की और वहां से सामान भरकर बाहर गाड़ी लेकर खड़े वीरेंद्र के पास पहुंचे। जहां से सभी आइएसबीटी से आशारोड़ी होते हुए दिल्ली भाग गए। 

पुलिस के अनुसार ईश्वरन के घर से लूटे गए सात मोबाइल को बदमाशों ने राजपुर रोड पर स्कॉलर होम के पास फेंका था। इस दौरान गाड़ी करीब डेढ़ मिनट तक वहां रुकी रही। यहां से पुलिस को पता चला कि डकैती में नीले रंग की शेवरलेट बीट गाड़ी का प्रयोग किया गया है। देहरादून से दिल्ली तक टोल-नाकों पर लगे करीब ढाई सौ कैमरों की फुटेज चेक की गई, जिससे कार की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने कंपनी से नीले रंग की उन बीट गाड़ियो का डाटा मंगाया, जो उत्तर भारत में बेची गई थीं। कई दिन की तफ्तीश से पता चला कि इस समय यह कार तीसरे मालिक यानी थर्ड ऑनर अदनान के पास है। अदनान को गिरफ्तार कर जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने एक ही झटके में पूरा राज उगल दिया और गिरोह में शामिल बदमाशों के नाम भी बता दिए। 

पुलिस को पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह 26 मई को भी देहरादून आया था। उस समय वसंत विहार थाना क्षेत्र में विजय पार्क के पास एक सरकारी अधिकारी के घर डाका डाला था। अदनान ने बताया यहां से उसे एक करोड़ 31 लाख रुपये कैश मिले थे। मगर हैरानी की बात यह कि इस वारदात की पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई। एसएसपी ने बताया कि अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। अब तहरीर मिलेगी तो अलग से मुकदमा दर्ज किया जाएगा, नहीं तो ईश्वरन के मुकदमे की विवेचना में ही इस वारदात की नए सिरे से जांच की जाएगी। 

वहीं सनसनीखेज डकैती का आठ दिन में पर्दाफाश होने से गदगद आरपी ईश्वरन ने पुलिस टीम को 1.51 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है। वहीं, पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बीस हजार रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा की है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि एसपी सिटी श्वेता चौबे के नेतृत्व में एसओजी प्रभारी ऐश्वर्य पाल व एसआई यासीन ने शानदार विवेचना की है। इसके लिए टीम को उत्तम विवेचना का भी पुरस्कार दिलाने की भी पैरवी की जाएगी।

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