शासन अब इनके स्थान पर अब नए चिकित्सकों की करेगा भर्ती
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा के अनुसार इन लोगों के लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण उन पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। इसलिए अब सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गयी हैं।
कहां कितने चिकित्सक थे तैनात
यूएस नगर- 3 अल्मोड़ा – 5
उत्तरकाशी – 3 पिथौरागढ़- 6
रूद्रप्रयाग- 6 देहरादून- 5
चंपावत – 5 हरिद्वार – 5
बागेश्वर – 2 नैनीताल- 7
पौड़ी – 5
देहरादून । उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों से गायब चल रहे 52 चिकित्सकों के त्यागपत्र मंजूर करते हुए शासन ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। शासन अब इनके स्थान पर अब नए चिकित्सकों की भर्ती करेगा।
उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद से प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में डॉक्टरों की कम संख्या के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है से उतरी हुई हैं। इस समस्या के चलते शासन ने कुछ समय पहले गायब डॉक्टरों की जांच कराई तो पता चला कि कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो है, लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से उपस्थित ही नहीं है। शासन ने जब इनके दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जो विभाग को त्यागपत्र थमा कर चलते बने हैं। इन्होंने शासन से त्यागपत्र स्वीकृत होने का इंतजार तक नहीं किया। इसके बाद जब ऐसे डॉक्टरों को नोटिस भेजे गए तो इनमें से कुछ ने ज्वाइन किया।
लेकिन वे भी बाद में फिर से अस्पताल छोड़ चले गए। ऐसे में शासन ने विधिक कारणों को देखने के बाद अब ऐसे सभी चिकित्सकों की सूची तलब की। इसमें 52 चिकित्सक ऐसे पाए गए जो वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2016 तक के अंतराल में त्यागपत्र विभाग को दे चुके हैं और इस समय निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। शासन ने अब इन सबके त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं।
उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद से प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में डॉक्टरों की कम संख्या के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है से उतरी हुई हैं। इस समस्या के चलते शासन ने कुछ समय पहले गायब डॉक्टरों की जांच कराई तो पता चला कि कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो है, लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से उपस्थित ही नहीं है। शासन ने जब इनके दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जो विभाग को त्यागपत्र थमा कर चलते बने हैं। इन्होंने शासन से त्यागपत्र स्वीकृत होने का इंतजार तक नहीं किया। इसके बाद जब ऐसे डॉक्टरों को नोटिस भेजे गए तो इनमें से कुछ ने ज्वाइन किया।
लेकिन वे भी बाद में फिर से अस्पताल छोड़ चले गए। ऐसे में शासन ने विधिक कारणों को देखने के बाद अब ऐसे सभी चिकित्सकों की सूची तलब की। इसमें 52 चिकित्सक ऐसे पाए गए जो वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2016 तक के अंतराल में त्यागपत्र विभाग को दे चुके हैं और इस समय निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। शासन ने अब इन सबके त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं।
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शासन अब इनके स्थान पर अब नए चिकित्सकों की करेगा भर्ती देवभूमि मीडिया ब्यूरो सचिव स्वास्थ्य नितेश झा के अनुसार इन लोगों के लंबे समय से अनुपस्थित रहने के कारण उन पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। इसलिए अब सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गयी हैं।
कहां कितने चिकित्सक थे तैनात
यूएस नगर- 3 अल्मोड़ा – 5
उत्तरकाशी – 3 पिथौरागढ़- 6
रूद्रप्रयाग- 6 देहरादून- 5
चंपावत – 5 हरिद्वार – 5
बागेश्वर – 2 नैनीताल- 7
पौड़ी – 5देहरादून । उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों से गायब चल रहे 52 चिकित्सकों के त्यागपत्र मंजूर करते हुए शासन ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। शासन अब इनके स्थान पर अब नए चिकित्सकों की भर्ती करेगा।
उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद से प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में डॉक्टरों की कम संख्या के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है से उतरी हुई हैं। इस समस्या के चलते शासन ने कुछ समय पहले गायब डॉक्टरों की जांच कराई तो पता चला कि कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जिनकी तैनाती सरकारी कागजों में तो है, लेकिन वे अस्पतालों में लंबे समय से उपस्थित ही नहीं है। शासन ने जब इनके दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जो विभाग को त्यागपत्र थमा कर चलते बने हैं। इन्होंने शासन से त्यागपत्र स्वीकृत होने का इंतजार तक नहीं किया। इसके बाद जब ऐसे डॉक्टरों को नोटिस भेजे गए तो इनमें से कुछ ने ज्वाइन किया।
लेकिन वे भी बाद में फिर से अस्पताल छोड़ चले गए। ऐसे में शासन ने विधिक कारणों को देखने के बाद अब ऐसे सभी चिकित्सकों की सूची तलब की। इसमें 52 चिकित्सक ऐसे पाए गए जो वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2016 तक के अंतराल में त्यागपत्र विभाग को दे चुके हैं और इस समय निजी चिकित्सालयों में सेवा दे रहे हैं। शासन ने अब इन सबके त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं।