सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के 49 प्रतिशत पद खाली

- 19 प्रतिशत पदों पर अस्थाई व्यवस्था, 30 प्रतिशत पद बिल्कुल खाली
देहरादून : उत्तराखंड के 100 सरकारी डिग्री कालेजों में शिक्षकों के 49 प्रतिशत पद खाली है, इन खाली पदों में से 19 प्रतिशत पदों पर अस्थाई व्यवस्था के तहत संविदा, गैस्ट तथा सांयकालीन शिक्षक कार्यरत रहे है। प्राचार्यां के भी 100 में से 3 पद खाली है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उच्च शिक्षा निदेशालय से कुल कार्यरत तथा रिक्त पदों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में उच्च शिक्षा निदेशालय के लोक सूचना अधिकारी/उपनिदेशक ने अपने पत्रांक 15/2018-19 दिनांक 05 अप्रैल 2018 से सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड के सरकारी डिग्री कालेजों में 100 प्राचार्य सहित प्रवक्ताओं के 2198 स्वीकृत पद है जिसमें 97 प्राचार्यां सहित 1123 पदों पर ही नियमित प्रवक्ता कार्यरत है। 1075 पद रिक्त है। इनमें से 51 पदों पर संविदा शिक्षक, 306 पदों पर गेस्ट शिक्षक तथा 59 पदों पर सांयकालीन शिक्षक कार्यरत है। 659 पद बिल्कुल रिक्त हैं जिन पर कोई भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल 30 प्रतिशत शिक्षकों के पद बिल्कुल रिक्त है जिस पर न तो नियमित, न ही संविदा न गेस्ट न सांयकालीन शिक्षक कार्यरत हैं।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार केवल 8 विषयों के ही शिक्षकों का कोई पद रिक्त नहीं है तथा 4 विषयों के स्वीकृत पदों पर किसी भी प्रकार का कोई शिक्षक कार्यरत नहीं है। एम.बी.ए0 , बी0टी0एस0, टूरिज्म, बेसिक सांइस के सभी पद रिक्त है। दर्शनशास्त्र, सैन्य विज्ञान, बेसिक हमूमेनेटीज, मानव विज्ञान, बी0ए0मास0काम0, बी.टी0टी0एम0/बी0बी0ए0, बी-एस0सी0 हार्टि तथा पत्रकारिता विषय में कोई पद रिक्त नहीं है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार बी0सी0ए0 के 78 प्रतिशत, बी0एस0सी0 गृह वि0 के 67 प्रतिशत, चित्रकला के 63 प्रतिशत तथा भूगर्भ विज्ञान विषय के शिक्षकों के 57 प्रतिशत पद रिक्त है। अंग्रेजी के 44 प्रतिशत, गणित के 42 प्रतिशत, शिक्षा शास्त्र तथा संस्कृत के 40 प्रतिशत, भौतिक विज्ञान के 39 प्रतिशत, बी0एड0-एम0एड0 के 38प्रतिशत, संगीत, कम्प्यूटर विज्ञान, वनस्पति विज्ञान के 33 प्रतिशत, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, वाणिज्य के 32 प्रतिशत, जन्तु विज्ञान के 31 प्रतिशत, गृह विज्ञान के 29 , रसायनिक विज्ञान, हिन्दी के 28 प्रतिशत , समाजशास्त्र के 26 प्रतिशत, सांख्यिकी के 25 प्रतिशत, शारीरिक शिक्षा व बी.वी0ए0 के 20 प्रतिशत, इतिहास के 16 प्रतिशत, भूगोल व विधि के 13 प्रतिशत तथा मनोविज्ञान के 11 प्रतिशत पद बिल्कुल रिक्त है। इसके अतिरिक्त प्राचार्य के 3 प्रतिशत पद रिक्त है।