NATIONAL

भारतीय सेना को मिले 409 युवा अफसर

  • 1971के युद्ध में भारतीय सेना ने मुक्ति संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर किया सहयोग

देहरादून : एक अक्टूबर 1932 को, 40 जेंटलमैन कैडेट्स से शुरू हुए विश्वविख्यात भारतीय सैन्य अकादमी के चेट वुड भवन से सामने ड्रिल स्क्वायर से कदम से कदम मिलाकर चल रहे जेंटलमैन कैडेट जब ‘’भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम’’ की धुन पर चल रहे थे तो लग रहा था कि यहाँ एक विशाल सागर उमड़ आया है।

एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हर एक व्यक्ति के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। इसके साथ ही भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 487 कैडेट पासआउट होकर अफसर बने। इनमें 409 भारतीय  नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 78 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। 

इस बार बांग्लादेश के सेना प्रमुख  जनरल अबू बिलाल मोहम्मद शाह फिउल हक ने परेड की सलामी ली। सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। इसके बाद विभिन्न कंपनियों के सार्जेंट मेजर ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। 

ठीक 8.55 पर एडवांस कॉल के साथ ही देश की रक्षा के लिए सीना ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर चंद्रकांत आचार्य ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिये उन पर रंग बिरंगे फूलों से वर्षा हो रही थी।

इस मौके  पर बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल अबू बिलाल मोहम्मद शाह फिउल हक ने कहा कि भारत व बांग्लादेश के बीच वर्षों से दोस्ताना संबंध रहे हैं। हमारी सिर्फ सीमाएं ही नहीं मिलती, बल्कि भारत बांग्लादेश में भौगोलिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समानताएं भी हैं।

उन्होंने कहा कि आइएमए परेड में बतौर रिव्यूइंग अफसर पहुंचकर गौरव की अनुभूति हुई है। यह क्षण भारत बांग्लादेश के बीच संबंधों को और आगे ले जाएगा। खासकर दोनों सेनाओं के बीच रिश्तों की नींव और मजबूत हुई है। उन्होंने 1971के युद्ध को याद करते कहा कि भारतीय सेना ने मुक्ति संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दिया।

चंद्रकांत आचार्य को प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर व स्वर्ण पदक, अमरप्रीत सिंह को रजत पदक, सौरभ दास को कांस्य पदक प्रदान किया गया। रनावत यादागिरी ने सिल्वर मेडल (टीजी) ने हासिल किया। तजाकिस्तान के एलेक्जांडर सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर नौशेरा कंपनी को मिला।

पास आउट कैडेट्स का राज्यवार ब्यौरा

उत्तर प्रदेश———-76

हरियाणा————-58

उत्तराखंड———–38

बिहार—————-25

महाराष्ट्र————-24

पंजाब—————-24 

राजस्थान———–23

दिल्ली—————22

मध्य प्रदेश———19 

हिमाचल————18 

कर्नाटक————15

जम्मू-कश्मीर——09

पश्चिम बंगाल—–06

मणिपुर————-06

केरल—————06 

आंध्र प्रदेश——–06 

तेलंगाना———–05 

झारखंड————05 

असम————–05 

उड़ीसा————-04 

छत्तीसगढ़——–04 

चंडीगढ़————02 

तमिलनाडु———02 

गुजरात————02 

नागालैंड———–01 

मिजोरम———–01

 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »