रुद्रप्रयाग : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा केदारनाथ में जो भी कार्य हों उसमें पहाड़ी शैली को अपनाया जाना चाहिए । उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि मंदिर के आगे एप्रोच मार्ग पर अब खडिज्जा लगाने का काम शुरू किया जाए और इसके बाद तराशे पत्थर लगाए जाएं। इसके लिए राजस्थान के साथ ही पौड़ी और उत्तरकाशी से भी मिस्त्रियों को लाया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर के पीछे पार्क बनाकर यहां ब्रह्मकमल की ब्रह्मवाटिका बनाई जाएं। साथ ही हेमकुंड क्षेत्र में होने वाले बेहतर प्रजाति के पुष्पों को यहां तैयार किया जाए ताकि यहां पहुंचने वाले लोग अद्भुत अहसास कर सके। उन्होंने प्रशासन से इस क्षेत्र में गुफाओं की खोज करने को भी कहा ताकि इन गुफाओं में संत साधना कर सके। उन्होंने कहा कि मंदिर मार्ग के साथ ही घाटों पर भी स्थानीय पत्थरों को इस्तेमाल किया जाना चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ में अधिक ठंड के कारण मजदूरों की सुरक्षा को देखते हुए रात के काम बंद कर दिए जाएंगे। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मौसम अनुकूल रहने पर ही रात को काम किए जाएंगे। अधिक ठंड के कारण मजदूरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए काम किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती के संगम पर 16 मीटर का बेहतर, सुंदर और आकर्षक चबूतरा बनाया जाएगा। इसकी ऊंचाई भी ठीक-ठाक होगी ताकि यहां पहुंचते ही बाबा केदारनाथ मंदिर के भव्य दर्शन हो सके। डीएम ने बताया कि इस चबूतरे पर भी पहाड़ की शैली के अनुसार ही काम करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को भरारीसैंण सत्र खत्म होने के बाद सुबह मुख्य सचिव उत्पपल कुमार के साथ केदारनाथ पहुंचे थे । मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का जाजया लेते हुए वहां होने वाले सभी कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव उत्पल कुमार, रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल, एसपी पीएन मीणा और निम के देवेंद्र बिष्ट और अन्य लोगों के साथ केदारनाथ के सम्पूर्ण क्षेत्र का पैदल दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने रामबाड़ा से गरुड़चट्टी मार्ग पर भी शीघ्र काम करने के निर्देश दिए। दो घंटे केदारनाथ में सीएम ने सरस्वती घाट, मंदाकिनी घाट, एप्रोच सड़क, शंकराचार्य समाधि स्थल, मंदिर के पीछे सुरक्षा दीवार तक पैदल भ्रमण किया। इस मौके पर सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आगामी यात्रा से पूर्व अधिकांश कार्य संपंन करा दिए जाएं। इस दौरान जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने मुख्यमंत्री व मुख्या सचिव को केदारनाथ में हो रहे कार्यो की व्यापक जानकारी दी। उन्होंने गुरुड़चट्टी से केदारनाथ मार्ग पर हो रहे कार्य की भी पूरी जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। दो घंटे केदारनाथ में रुकने के बाद वे दोपहर 12 बजे देहरादून को लौट गए।