अंग्रेजी पढ़ें-बोले पर आचरण, व्यवहार, खानपान से स्वेदशी रहें

- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शाखा दर्शन कार्यक्रम
देहरादून । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने परेड ग्राउण्ड देहरादून में आयोजित शाखा दर्शन कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए स्वयंसेवकों से बस्ती सेवा, ग्राम सेवा, धर्म जागरण, कुटुम्ब प्रबोधन, जातिवाद से ऊपर उठकर समानतायुक्त हिन्दु जागरण, आपसी सद्भाव, राष्ट्रीयता, निस्वार्थ सेवा, अच्छा हिन्दू (उत्तम सिद्धान्त से युक्त स्वयंसेवक) बनने, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग सम्बन्धित सुन्दर विचार प्रदान किये। हम अपनी भाषा पढ़़ेंगे और अपना काम अपनी भाषा में करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी पढ़ें-बोले पर आचरण, व्यवहार, खानपान से स्वेदशी रहें व स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें। अपनी जीवन पद्धति में पश्चिमी जीवन पद्धति का प्रवेश न होने दें। पर्यावरण, सुरक्षा, नदियों की सुरक्षा एवं स्वच्छता पर भी ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि संघ की शाखा केवल खेलकूद का मैदान नहीं है। हमारा जीवन किसलिए है यह भी एक विचारणीय चिन्तन है। संघ की शाखा में आकर स्वयंसेवक बनेंगे एवं समाज में आकर अच्छा काम करेंगे ।
अपने समाज में अस्पृश्यता के भाव को समाप्त करना है। हम कहते हैं कि प्राणी मात्र में ईश्वर है और अपने ही सम्प्रदाय या अपने हिन्दू धर्म को मानने वालों को कहंें कि आप हमारे नहीं हैं तो ऐसा कहना ठीक नहीं है। अपनी शक्ति को कम नहीं होने देना। हिन्दुओं में कोई पतित नहीं है। समाज के सबसे दुर्बल लोगों की सेवा भी हमें ही करनी हैैै। सेवा बस्ती के विकास के लिए काम करें। जब हम शुद्धि की बात करते हैं तो हमारे मन एवं आचरण में शुद्धि होनी चाहिए। जैसे तालाब का पानी अगर अशुद्ध है तो सबके लिए अशुद्ध है। इसी प्रकार यदि समाज में यदि कोई दोष है तो सबमें दोष आता है अतः उस दोष के निवारण की चिन्ता करें।
कार्यक्रम में महानगर देहरादून की 57 शाखाओं ने प्रतिभाग किया। जिसमें स्वयंसेवकों ने शाखा के नियमित कार्यक्रम खेल, योग, आसन, समता, चर्चा, सुभाषित, गीत आदि कार्यक्रम किये। अन्त में सभी शाखाओं ने एक समय पर प्रार्थना की।
कार्यक्रम में प्रान्त प्रचारक युद्धवीर जी, व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र जी, सह प्रान्त व्यवस्था प्रमुख नीरज जी, देहरादून विभाग कार्यवाह अनिल नन्दा जी, विभाग प्रचारक सुनील जी, देहरादून महानगर के संघचालक आजाद सिंह, महानगर कार्यवाह विशाल जी, सह कार्यवाह आनन्द जी व महेन्द्र जी, प्रचारक विजय जी, शारीरक प्रमुख कुलदीप जी, व्यवस्था प्रमुख प्रवीण जी, बौद्धिक प्रमुख शिव कुमार जी, सम्पर्क प्रमुख पवन जी, प्रचार प्रमुख हिमांशु जी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।