पंखुड़ियाँ : 24 लेखक और 24 कहांनियाँ ई-बुक स्टोर्स पर हुई रिलीज
- देशभर से 24 लेखकों को पंखुड़ियाँ (कहानी संग्रह) में शामिल
- पंखुड़ियाँ कहानी संग्रह राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय ई-बुक स्टोर्स पर उपलब्ध
मेरठ। आज प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पंखुड़ियाँ : 24 लेखक और 24 कहांनियाँ (कहानी संग्रह) राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय ई-बुक स्टोर्स पर रिलीज हो गई है। जिनमें Google Play, Kobo, Kindle, iBooks, Smashwords, Scibd, Playster प्रमुख ई-बुक स्टोर्स है।
इस कहानी संग्रह में देशभर के विभिन्न राज्यों और शहरो से 24 लेखकों ने अपनी रचनाओं का सहयोग दिया है। पंखुड़ियाँ कहानी संग्रह में लेखकों ने समाज की विभिन्न घटनाओं को सरल और पाठकों को समझ में आ सकने वाली भाषा में लिखा है। इस संग्रह के लिए लेखकों को विशेष चयन प्रक्रिया द्वारा चयनित किया गया था, जिसमें उनकी रचनाओं को हमारी संपादकीय टीम की कसौटी पर उतरना था। इन 24 लेखकों में प्रमिला वर्मा (जबलपुर, मध्य प्रदेश), इंजी. आशा शर्मा (बीकानेर, राजस्थान), पम्मी सिंह (नई दिल्ली), पल्लवी सक्सेना (पूने, महाराष्ट्र), नीतू सिंह (नई दिल्ली), विकेश निझावन (अम्बाला, हरियाणा), रविन्द्र सिंह यादव (नई दिल्ली), डा. फखरे आलम खान (मेरठ उत्तर प्रदेश), सुधा सिंह (नवी मुम्बई, महाराष्ट्र), ऋतु असूजा (ऋषिकेष, उत्तराखंड), आशुतोष तिवारी (फतेहपुर, उत्तर प्रदेश), रोनी ईनोफाइल (नई दिल्ली), श्वेता सिन्हा (जमशेदपुर, झारखंड), रोली अभिलाषा (लखनऊ, उत्तर प्रदेश), अर्पणा बाजपेई (जमशेदपुर, झारखंड), निशान्त (लखनऊ, उत्तर प्रदेश), शालिनी गुप्ता (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश), अनु लागुरी (झारखंड), देव कुमार (हाथरस, उत्तर प्रदेश), धर्मेन्द्र राजमंगल (अलीगढ़, उत्तर प्रदेश), सुधा देवरानी (देहरादून, उत्तराखंड), अमित जैन ‘मौलिक’ (जबलपुर, मध्यप्रदेश), आशीष कमल श्रीवास्तव (विजयवाड़ा, आन्ध्र प्रदेश), आबिद रिज़वी (मेरठ, उत्तर प्रदेश) है।
संग्रह में सभी कहानियाँ अपने आप में बहुत कुछ बयां करती है। संग्रह में प्रकाशित कहानियों में 24 लेखकों ने 24 विषयों को लेकर अपना दृष्टिकोण दिया है। निश्चित ही पाठको को सभी कहानियां बेहद पंसद आयेंगी। कहा जाये तो संग्रह की सभी कहानियां पाठकों को रोमांच, रहस्य और कल्पना की नई दुनिया में ले जायेगी, क्योंकि इन कहानियों में लेखकों ने अपने अनुभव को पूरी तरह से उड़ेल दिया है। अब बाकी तो पाठक ही इस संग्रह के बारे में अपने विचार प्रकट कर सकते है।
प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के प्रबंधक व पार्टनर राजेन्द्र सिंह ने सभी लेखको को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमने सिर्फ एक कल्पना की थी कि यदि प्रिन्ट में कहानी संग्रह प्रकाशित हो सकते है तो ई-बुक फार्मेट में क्यों नही। जिसका नतीजा पंखुड़ियाँ के रूप में आपके सामने है। इसमें सभी लेखकों का सहयोग हमें प्राप्त हुआ है, जो प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के लिए गर्व की बात है क्योंकि यहां पर कुछ युवा लेखक है तो कुछ प्रख्यात लेखक है तो कुछ प्रख्यात ब्लॉगर भी है। इसके अलावा पत्रकार, गृहणी उपन्यासकार भी इस संग्रह का हिस्सा बने है।