- राज्य डबल इंजन सरकार के बाबजूद भी विकास को गति नही
- 18 साल के इतिहास में पहली बार राज्य में 13 किसानों ने की आत्म हत्या
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल को घोर निराशाजनक बताते हुए प्रतिपक्ष के उपनेता करन महरा ने कहा कि कमजोर इच्छा शाक्ति वाले नेतृत्व के चलते राज्य 15 वर्ष पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी ने जनता से डबल इंजन सरकार देने को कहा था, परन्तु केन्द्र और राज्य डबल इंजन सरकार बनने के बाबजूद भी विकास को गति नही दे पाये जिससे लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है। श्री महरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों का कर्जा 15 दिनों के भीतर माफ करने का वादा किया था परन्तु आज दो वर्ष बाद भी ऐसा नही किया गया गन्ना किसानों का बकाया भुगतान भी नही किया गया है।
उन्होंने कहा उत्तराखण्ड का किसान इतना मजबूर और बेहाल हो चुका है कि 18 साल के इतिहास में पहली बार 13 किसानों ने आत्म हत्या जैसा कृत्य किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में एन. एच. -74 के मामले में सी.बी.आई. जाॅच की सिफारिस करने का वादा किया था परन्तु आज तक सी.बी.आई. जाॅच नही हो पाई है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि किसी राज्य सरकार ने राज्यपाल का अभिभाषण सदन के तय समय से 7 मिनट पहले ही करा दिया गया ताकि विपक्ष के विधायक उपस्थित न रह सकें।
उन्होंने कहा कि ’’बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’’ का नारा देने वाली केन्द्र सरकार महिलाओं के प्रति असल में कैसी मनशा रखती है ये उत्तराखण्ड भाजपा के संगठन महामंत्री पर यौन उत्पीड़न के गम्भीर आरोप ही सावित करते है। उन्होंने कहा कि आज स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी है। महिलायें शौंच में प्रसव करने को मजबूर है, 108 जो उत्तराखण्ड की विषम भौगौलिक परिस्थितियों को देखते हुए जीवनदायनी का काम करती है उसके उपर लगातार दो वर्ष तक तलवार ही लटकी रही और विभाग का रवैया उसके प्रति उदासीन बना रहा।
उपनेता ने कहा प्रदेश में पहली बार शराब की घर-घर होम डिलिबरी कराई गई। अवैध खनन धडल्ले से बदस्तूर जारी है। कानून व्यवस्था का यह हाल है कि बलात्कार, लूट, डकैती, अपहरण देवभूमि में आम हो चुके है। दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में छोटी-छोटी नाबालिक लड़कियों के साथ दूष्कर्म की घटनायें सामने आ रही हैं। दर्जनों बार न्यायालय की तरफ से राज्य सरकार को छोटी-छोटी बातों पर भी दिशा निर्देश देते हुए फटकार लगाई जा रही है। मंहगाई का आलम यह है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो सस्ता राशन और चीनी,मिट्टी तेल गरीब जनता को बहुत कम दाम का उपलब्ध कराया था उसे त्रिवेन्द्र सरकार ने आते ही न केवल मात्रा घटाई बल्कि दामों में भी दुगना इजाफा कर दिया। मिट्टी का तेल व चीनी पूरी तरह बन्द कर दी राशन की दुकानों से सस्ता राशन गायब है। समाज कल्याण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा प्रारम्भ की गई 16 प्रकार की पेंशन बन्द कर दी गई।
उन्होंने कहा पलायन आज भी राज्य के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है रोजगार को लेकर इन दो वर्षो में राज्य सरकार का कोई भी विजन दिखाई नही पड़ता है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए सौ दिन में लोकायुक्त देने का वादा करने वाली सरकार ने उस मुद्दे को ही ठण्डे वस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, शिक्षा विभाग में नित नये प्रयोग किये जा रहे है जिससे शिक्षा की गुणवता जर्जर होते विद्यालय भवनों की अनदेखी हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को भारी कर्जे में झौंकने का काम कर रही है और वित्तीय प्रबंधन इतना कमजोर है कि कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी हर माह बाजार से ऋण लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली और पानी की दरों में भी लगातार बृद्वि की जा रही है। स्मार्ट सीटी का सपना सपना ही बनकर रह गया है ऐसे में राज्य की जनता अपने आप को छला और ठगा हुआ महसूस कर रही है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज ही नही है।