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लोकतंत्र के मंदिरों और अध्यक्षों के फैसलों पर न्यायालय टिप्पणी करे तो यह चिंता की है बात : लोकसभा अध्यक्ष



देहरादून। देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मलेन के अंतिम दिन लोकसभा अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन में दल बदल कानून और अध्यक्ष की भूमिका पर गहनता से मंथन हुआ है। वहीं एक कमेटी के गठन का निर्णय भी लिया गया है। यह कमेटी संविधान में क्या संशोधन हो सकते हैं या विधायी निकायों के नियमों में क्या परिवर्तन हो सकते हैं, इस पर सुझाव देगी। फिर इसके आधार पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में निष्पक्ष और निर्विवाद निर्णय होंगे और इसमें हम लोकतंत्र की मर्यादा व प्रतिष्ठा को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सदन का एक-एक पल जनता को समर्पित होता है। ऐसे में सदन का समय शोरशराबे और व्यवधान के कारण बर्बाद होता है तो यह जनता के प्रति एक तरह का अन्याय है। सदन में सार्थक बहस और चर्चा होनी चाहिए। कार्यपालिका विधायिका के प्रति जिम्मेदारी को समझे, लोकतंत्र के अस्तित्व को यह जरूरी है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.